अयोध्या में भगवान राम के मंदिर निर्माण और श्रीराम लला की प्राण प्रतिष्ठा से ओतप्रोत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दूरदर्शन के बहुचर्चित धारावाहिक ‘रामायण’ में राम की भूमिका निभाने वाले अरुण गोविल पश्चिमी उत्तर प्रदेश की मेरठ लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा है। ऐसा नहीं है कि गोविल धारावाहिक ‘रामायण’ में किरदार निभाने वाले पहले अभिनेता या अभिनेत्री हैं। धारावाहिक में सीता और रावण का किरदार निभाने वाले संसद तक पहले ही पहुंच चुके हैं।
अरुण गोविल ने कहा था- पारंपरिक नेताओं की तरह नहीं हूं
तीन साल पहले पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव के दौरान अरुण गोविल भाजपा में शामिल हुए थे। उस समय गोविल ने कहा था कि मैं पुराने पारंपरिक राजनेताओं की तरह नहीं हूं। मैं राष्ट्र के लिए योगदान देना चाहता हूं और इसके लिए मुझे एक मंच की जरूरत थी और भाजपा आज सबसे अच्छा मंच है। गोविल ने कहा कि जब उन्होंने पहली बार देखा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को ‘जय श्री राम’ के नारे से परेशानी है, तो उन्होंने राजनीति में शामिल होने का फैसला किया।
इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है अरुण गोविल, नाटक भी करते थे
गोविल का जन्म 12 जनवरी 1958 को मेरठ कैंट में हुआ। उनके पिता चंद्रप्रकाश गोविल मेरठ नगर पालिका से जलकल अभियंता थे। अरुण की शुरुआती पढ़ाई-लिखाई सरस्वती शिशु मंदिर, पूर्वा महावीर और राजकीय इंटर कालेज से हुई। सहारनपुर और शाहजहांपुर में उनकी शिक्षा हुई। उन्होंने अपनी औपचारिक शिक्षा चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में प्राप्त की। उन्होंने इंजीनियरिंग विज्ञान में अध्ययन किया और कुछ नाटकों में अभिनय किया।
दीपिका चिखलिया और अरविंद त्रिवेदी भी बीजेपी से जुड़े थे
धारावाहिक ‘रामायण’ में सीता का किरदार निभाने वाली अभिनेत्री दीपिका चिखलिया और रावण का किरदार निभाने वाले अभिनेता अरविंद त्रिवेदी काफी पहले ही सांसद बन चुके हैं। साल 1991 के आम चुनाव में दीपिका चिखलिया और अरविंद त्रिवेदी गुजरात के चुनावी मैदान में उतरे। दोनों को ही बीजपी ने अपना उम्मीदवार बनाया।
अरविंद, साबरकांठा सीट और दीपिका चिखलिया, बड़ौदा लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे। दीपिका की ओर से कई साल पहले सोशल मीडिया पर जारी एक तस्वीर में वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी के साथ चुनाव प्रचार में नजर आ रही हैं। दीपिका ने उस चुनाव में 276,038 मत हासिल किए थे, जबकि उनके विरोधी कांग्रेस के उम्मीदवार को 241,850 मत मिले थे। ‘रामायण’ धारावाहिक में हनुमान का किरदार निभाने वाले दारा सिंह भी खुद को राजनीति से दूर नहीं रख पाए थे। दारा सिंह भाजपा से जुड़े थे। वे साल 2003 से 2009 तक राज्यसभा के नामित सदस्य रहे।
ऐसा नहीं है कि केवल ‘रामायण’ धारावाहिक के कलाकार ही राजनीति में आए। दूरदर्शन के एक अन्य पौराणिक धारावाहिक ‘महाभारत’ के भी कलाकारों ने राजनीति में हाथ आजमाया। महाभारत में कृष्ण की भूमिका निभाने वाले नीतीश भारद्वाज ने भी लोकसभा चुनाव लड़ा और जीता। हालांकि, दूसरी बार उन्हें लोकसभा के समर में हार का सामना करना पड़ा। नीतीश 1996 में जमशेदपुर से सांसद के रूप में लोकसभा के लिए चुने गए। मध्य प्रदेश के रहने वाले नीतीश भारद्वाज ने तब के दिग्गज नेता जनता दल उम्मीदवार इंदर सिंह नामधारी को 55,137 मतों से हरा था। 1999 में वे मध्य प्रदेश के राजगढ़ से लोकसभा चुनाव हार गए और राजनीति से संन्यास ले लिया।
‘महाभारत’ में द्रौपदी का किरदार निभाने वालीं रूपा गांगुली दो साल पहले राज्यसभा से सेवानिवृत्त हुई थीं। वे भाजपा की नेता हैं। रूपा 2016 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले 2015 में भाजपा में शामिल हो गर्इं। बाद में, उन्हें 2016 में भारत के राष्ट्रपति द्वारा संसद सदस्य, राज्यसभा के रूप में नामित किया गया था। वे पश्चिम बंगाल में भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष भी रहीं।