बीजेपी सांसद गिरिराज सिंह और अकाली नेता हरसिमत कौर के बीच संसद में तना तनी देखने को मिली। घटना आज सुबह की है, गिरिराज जब संसद भवन में दाखिल होने के लिए लिए बढ़ रहे थे, उस वक्त कृषि कानूनों के विरोध में अकाली दल और बसपा के सांसद हाथ में गेहूं की बालियां लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। वह वहां से गुजर रहे माननीयों को गेंहू की बालियां देकर अपना विरोध दर्ज करा रहे थे। इसी दौरान गिरिराज सिंह को जब पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने गेहूं की बालियां दी तो वह नाराज हो गए।

जानकारी के मुताबिक गिरिराज सिंह ने अपनी नाराजगी वहां नहीं दर्ज कराई लेकिन जब वह कुछ दूर पहुंचे और सदन में एंट्री लेने लगे तो
पलटकर कहा कि आप लोग किसानों के दुश्मन हैं। अकाली दल कुछ महीनों पहले बीजेपी के साथ एनडीए का हिस्सा हुआ करता था। दोनों ही दलों के नेताओं के बीच अच्छे रिश्ते देखे जाते रहे हैं लेकिन कृषि कानून के विरोध में अकाली दल ने अपने कदम पीछे खींच लिए थे। इसके बाद से कई मौकों पर बीजेपी और अकाली दल के नेताओं के बीच की तनातनी देखने को मिलती रही है।

गिरिराज सिंह की टिप्पणी पर हरसिमरत कौर ने कहा कि सरकार के सांसद तो कभी किसानों को मवाली बताते हैं तो कभी परजीवी बताते हैं। आज जब हम उन्हें किसान की याद दिला रहे हैं तो वह हमें किसानों का दुश्मन बता रहे हैं। अगर हम किसानों के दुश्मन होते तो मै मंत्री पद क्यों छोड़ती,  हमारी पार्टी गठबंधन क्यों खत्म करती। उन्होंने कहा कि 8 महीनों से दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसानों के लिए आज अलग अलग प्रदेशों से नेता सरकार को जगाने आए हैं।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मानसून सत्र में विपक्ष का पेगासस से लेकर कृषि कानून तक विरोध प्रदर्शन जारी रहा। दो हफ्ते हंगामे की भेंट चढ़ने के बाद तीसरे हफ्ते की शुरुआत भी हंगामे के साथ हुई। आज की कार्यवाही के दौरान जैसे ही प्रश्नकाल शुरू हुआ वैसे ही विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए आसन के निकट पहुंच गए। उन्होंने ‘जासूसी करना बंद करो’ और ‘प्रधानमंत्री जवाब दो’ के नारे लगाए।

कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और कुछ अन्य दलों के सदस्यों की नारेबाजी के बीच ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी, जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा और पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने पूरक प्रश्नों के उत्तर दिए।

सदन में हंगामा जारी रहने पर अध्यक्ष बिरला ने सदस्यों से अपने स्थान पर जाने और कार्यवाही चलने देने की अपील की। उन्होंने कहा, “देश की जनता ने आप को चुनकर भेजा है। दो सप्ताह से सदन की कार्यवाही बाधित हो रही है। जनता का करोड़ों रुपये खर्च हो रहा है। यह सदन चर्चा के लिए है, नारेबाजी के लिए नहीं। आप नारेबाजी कर रहे हैं और तख्तियां दिखा रहे हैं। यह ससंदीय परंपराओं के लिए उपयुक्त नहीं है। आप अपने स्थान पर जाइए, आपको चर्चा का पूरा समय दिया जाएगा।” (इनपुट- समाचार एजेंसी भाषा से भी)