BJP Shiv Sena Alliance Maharashtra 2024: महाराष्ट्र में चुनाव नतीजों के बाद से अच्छा-खासा राजनीतिक ड्रामा देखने को मिल रहा है। महायुति में शामिल दलों ने प्रचंड बहुमत तो हासिल कर लिया लेकिन सरकार बनाने में जरूर से ज्यादा वक्त ले लिया। महायुति में शामिल अजित पवार की एनसीपी के साथ तालमेल बैठाने में बीजेपी को कोई परेशानी नहीं आई लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने कुछ मांगों को लेकर पेच फंसा दिया।
चुनाव नतीजों के बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी न मिलने को लेकर एकनाथ शिंदे नाराज दिखाई दिए और उनके नाराज होने की पुष्टि एनडीए के नेताओं ने भी की। बीच में वह गांव चले गए। हालांकि जैसे-तैसे बीजेपी ने शिंदे को मनाया और बुधवार को वह उन्हें प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया के सामने लेकर आई।
बीजेपी ने शिंदे को इस बात के लिए मना लिया कि वह सरकार में शामिल हों और उप मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालें जबकि शिंदे इसके लिए तैयार नहीं थे। लेकिन अभी भी यह कहा जा रहा है कि बीजेपी और एकनाथ शिंदे के बीच गृह मंत्रालय को लेकर बात अटकी हुई है।

288 सीटों वाली महाराष्ट्र की विधानसभा में महायुति गठबंधन ने 230 सीटों पर जीत दर्ज कर सभी राजनीतिक विश्लेषकों को हैरान कर दिया। बीजेपी ने अकेले दम पर ही 132 सीटें जीत ली हैं जबकि उसके सहयोगी दलों – एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने 57 और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने 41 सीटें जीतीं।
सरकार गठन में देरी को लेकर सवाल उठा रहा विपक्ष
महाराष्ट्र के विपक्षी दलों का यही सवाल है कि इतना प्रचंड बहुमत मिलने के बाद भी महायुति गठबंधन अपनी सरकार क्यों नहीं बन पा रहा है। इसे लेकर शिवसेना उद्धव गुट हर दिन महायुति के नेताओं से सवाल पूछ रहा है।
चुनाव नतीजे आने के 11 दिन बाद महायुति की ओर से मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान किया गया। देवेंद्र फडणवीस को बीजेपी विधायक दल का नेता चुना गया और वह महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री होंगे। शपथ ग्रहण समारोह 5 दिसंबर को शाम 5:30 बजे मुंबई के आजाद मैदान में होगा। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह सहित बीजेपी और एनडीए शासित दलों के मुख्यमंत्री और तमाम बड़े नेता शामिल रहेंगे।
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गृह विभाग को लेकर शिंदे गुट की दलील
खबरों के मुताबिक, एकनाथ शिंदे की शिवसेना के नेताओं का कहना है कि पिछली सरकार में देवेंद्र फडणवीस जब उपमुख्यमंत्री थे तो गृह विभाग उनके ही पास था लेकिन इस बार ऐसा क्यों नहीं किया जा रहा है। अगर शिंदे उप मुख्यमंत्री बनने के लिए राजी हैं तो उन्हें गृह विभाग देने में क्या परेशानी है? लेकिन बीजेपी को जिस तरह का प्रचंड जनादेश इस विधानसभा चुनाव में मिला है उसके बाद वह किसी भी सूरत में गृह जैसा अहम विभाग अपने सहयोगी दल को नहीं देना चाहती।
पवार का डिप्टी सीएम बनना तय
दूसरी ओर अजित पवार की एनसीपी को लेकर उसे कोई परेशानी नहीं है। अजित पवार की एनसीपी को वित्त विभाग मिलना लगभग तय है। अजित पवार प्रेस कॉन्फ्रेंस में कह चुके हैं कि वह भी 5 दिसंबर को शपथ लेने जा रहे हैं।
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ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि एकनाथ शिंदे के नाराज होने की वजह से बीजेपी को महाराष्ट्र में सरकार चलाने में किसी तरह की दिक्कत या परेशानी होगी क्योंकि पार्टी के पास बहुमत के लिए जरूरी (145) से कुछ ही कम विधायक हैं और उसे अजित पवार की एनसीपी का समर्थन हासिल है लेकिन फिर भी पार्टी एकनाथ शिंदे को नाराज नहीं करना चाहती।
ऐसे में यह लगभग तय है कि शपथ ग्रहण के बाद भी मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर बीजेपी और शिवसेना के बीच मोलभाव का दौर चलता रहेगा। अब देखना यही है कि क्या एकनाथ शिंदे पीछे हटेंगे, क्या वह गृह मंत्रालय के बदले कुछ और मंत्रालय लेने के लिए राजी होंगे। देखना होगा कि बीजेपी एकनाथ शिंदे की मांगों के आगे कितना और किस हद तक झुकेगी?