उत्तराखंड के उत्तरकाशी स्थित सिलक्यारा टनल में 6 दिनों से फंसे 40 मजदूरों को निकालने के लिए अमेरिकी ऑगर मशीन से पाइप डालने का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। अब तक करीब 25 मीटर ऑगर मशीन से ड्रिल किया गया है। टनल में फंसे मजदूरों के लिए ऑक्सीजन,खाद्य सामग्री, दवाइयों की आपूर्ति लगातार जारी है।
नेशनल हाईवे एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) के पूर्व जीएम कर्नल दीपक पाटिल के अनुसार, ‘प्लान बी के सफल होने की बहुत अधिक संभावना थी। उन्होंने कहा कि संभावित योजना सी के लिए भी उपकरण और मशीनें मौजूद हैं।’ सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो आज देर शाम तक सभी मजदूरों को बाहर निकाला जा सकता है।
गुरुवार को क्या हुआ था
गुरुवार को बचावकर्मियों को एक और झटका उस समय लगा जब मलबे के जरिए ड्रिल करने और रास्ता बनाने के लिए लाई गई एक मशीन को इस कार्य को पूरा करने में कठिनाई हुई, जिसके कारण मजदूरों और स्थानीय निवासियों ने घटनास्थल के बाहर प्रशासन और निर्माण कंपनी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
सभी लोग निकलेंगे सुरक्षित
उत्तराखंड के उत्तरकाशी टनल हादसे में फंसे 40 मजदूरों को अभी तक नहीं निकाला जा सका है। हालांकि, अब तक फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए अमेरिकी ऑगर मशीन ड्रिलिंग का काम कर रही है। इस बीच सुरंग में फंसे मजदूर झारखंड के विश्वजीत के भाई इंद्रजीत कुमार ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि सभी श्रमिक सुरक्षित बाहर आ जाएंगे। मैं अपने भाई की सलामती की चिंता के कारण यहां पहुंचा हूं।
इंद्रजीत कुमार ने कहा कि अपने भाई और हमारे ही राज्य के एक और व्यक्ति सुबोध कुमार से बातचीत करने के बाद मैं चिंतामुक्त हो गया हूं। वे सभी ठीक हैं। अब विदेश से आई ड्रील मशीन को काम पर लगाया गया है तो वे सब सकुशल बाहर आ जाएंगे। टनल में फंसे मजदूरों में से 15 अकेले झारखंड के रहने वाले हैं। जबकि, शेष उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और असम के रहने वाले हैं। ज्ञात हो कि यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा टनल का एक भाग 12 नवंबर को रविवार सुबह ढह गया था, जिसमें 40 मजदूर फंस गये थे। इन्हें निकालने के लिए मलबे में शक्तिशाली अमेरिकी ऑगर मशीन से ड्रिलिंग की जा रही है।
टनल हादसे के छठे दिन भी रेस्क्यू जारी
उत्तरकाशी टनल हादसे के आज छठे दिन भी बचाव अभियान जारी है। टनल के मलबे में 6 मीटर लंबी और 3 फीट चौड़ी पाइप डाली जा रही है। 16 नवंबर से पाइप को डालने का काम चल रहा है। ऑपरेशन टनल में तीन शिफ्ट में कर्मचारी काम कर रहे हैं। टनल के 200 मीटर अंदर राहत एवं बचाव कार्य चल रहा है। कुल 98 कर्मचारियों को इस कार्य में लगाया गया है। टनल के मुहाने पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
टनल में काम करने वाले कर्मियों को पास दिखाकर टनल में प्रवेश दिया जा रहा है। पुलिस, जिला प्रशासन, पैरामिलिट्री फोर्स के जवान मुस्तैद हैं। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ के अधिकारी लगातार निरीक्षण कर रहे हैं। मजदूरों को समय- समय पर ऑक्सीजन मुहैया कराई जा रही है। टनल में फंसे मजदूरों से लगातार बातचीत कर उनको मोटिवेट किया जा रहा है। रेस्क्यू ऑपरेशन की केंद्र सरकार और राज्य सरकार अध्यतन जानकारी ले रही है।
आज खुशखबरी मिलने की है संभावना
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में 12 नवंबर की सुबह 5: 45 बजे टनल धंसने का हादसा हुआ था। शिफ्ट बदलते बक्त टनल में 40 मजदूर फंस गए थे। 12 नवंबर को टनल से मलबा हटाकर राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया गया था। वहीं 13 नवंबर को गिर रहे मलबे को रोकने के लिए प्लास्टर लगाने का ऑपरेशन चलाया गया। इसके बाद 14 नवंबर को छोटी मशीन से मलबे में ड्रिल करने का रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया था। पर तीनों ऑपरेशन असफल रहे थे। 15 नवबंर को हैवी कैपेसिटी की ड्रिलिंग मशीन लाई गई थी और 16 नवंबर को सुबह 11 बजे ड्रिल के जरिए पाइप मलबे में डालने का ऑपरेशन शुरू हुआ था। अब ऐसा माना जा रहा है कि 17 नवंबर का दिन इस रेस्क्यू के लिए बड़ा दिन साबित हो सकता है।