बीजेपी शासित राज्य त्रिपुरा में 100 से ज्यादा मवेशियों की मौत के बाद राज्य सरकार के सामने मवेशियों की चोरी की घटना सिरदर्द बनी हुई है। त्रिपुरा के देवीपुर गांव में गौशाला से कम से कम 60 गायों के चोरी होने का मामला सामने आया है। यही नहीं पुलिस से शिकायत के बाद भी एक भी गाय बरामद नहीं हो पाई है। यह गौशाला दिल्ली की एक गैर सरकारी संस्था ध्यान फाउंडेशन द्वारा चलाई जाती है। यह फांउडेशन बीएसएफ द्वारा भारत-बांग्लादेश पर तस्करी से बचाए जा गए मवेशियों को शरण देती है। हालांकि गायों की मौत के मामले में कमी आई है। पिछले 10 दिनों में सात गायों की ही मौत हुई है।
इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान फाउंडेशन के कार्यकर्ता राहुल रॉय ने बताया कि राज्य सरकार की मदद से स्थिति में सुधार हो रहा है। कुछ शरारती तत्वों के चलते गौशाला को खतरा है अबतक गौशाला से 60 गायें चोरी हो गई हैं। अबतक बीएसएफ द्वारा कम से कम 700 गायों को बचाया गया है और उन्हें श्रीनगर, कमथाना, कुलुबारी, फटीकचेर्रा, हरीहरडोला और अन्य बॉर्डर पोस्ट से देवीपुर गौशाले में शिफ्ट किया गया है जो अगरतला से 22 किलोमीटर दूर है।
पिछले दो महीने में 159 गायें कुपोषण और हाईपरथर्मिया (अतिताप) के चलते अपनी जान गंवा चुकी हैं और इस महीने एक ही दिन में 45 गायों की मौत हो गई। हालांकि सरकारी एजेंसियों द्वारा दी जा रही इलाज संबंधी मदद के चलते गायों की मौत की संख्या में कमी आई है। रॉय ने बताया कि पशु संसाधन विकास विभाग (ARDD) ने हमारी काफी मदद की है। वह यहां के मवेशियों के लिए दावाइयां और अन्य जरूरी मदद पहुंचा रहे हैं।
फाउंडेशन के अन्य कार्यकर्ता श्रीपरना घोषाल के मुताबिक ज्यादातर बचाए गए जानवर हमारे पास नाजुक हालात में आते हैं। इनमें से अधिकतर कुपोषित होते हैं। हमने देखा है कि तस्करी के लिए गायों पर आईडी बांधी जाती है। पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा में तस्करी की घटनाएं देखने को मिलती हैं। ऐसा करने वाले लोग देशद्रोही हैं।वहीं, ARDD के प्रमुख दिलीप कुमार चकमा का कहना है कि दावइयों के साथ-साथ हर प्रकार की मदद की जा रही है। कुछ जानवरों को दूसरे गौशाला में भी शिफ्ट किया जा रहा है।