त्रिपुरा चुनाव (Tripura Elections) के रुझानों में बीजेपी आगे चल रही है। लेकिन टिपरा मोथा नाम की एक पार्टी भी काफी अच्छा प्रदर्शन कर रही है। टिपरा मोथा के संस्थापक प्रद्योत देबबर्मा (Pradyot Deb Barma) हैं। प्रद्योत पहले कांग्रेस में थे और उनके माता-पिता भी राजनीति में रह चुके हैं। उनके पिता का नाम किरीट बिक्रम किशोर देब बर्मा है और मां का नाम विभु कुमारी है।

कांग्रेस की त्रिपुरा यूनिट के रहे अध्यक्ष

प्रद्योत का जन्म 4 जुलाई 1978 को त्रिपुरा के राजशाही परिवार में हुआ था और उन्होंने अपना सियासी सफर कांग्रेस से शुरू किया। उनके माता-पिता भी कांग्रेस (Congress) के टिकट पर सांसद रह चुके हैं। 2018 के विधानसभा चुनावों के बाद कांग्रेस ने प्रद्योत को पार्टी की त्रिपुरा इकाई का अध्यक्ष बनाया था।

लेकिन बाद में प्रद्योत का मोह पार्टी से भंग हो गया और एनआरसी मुद्दे (NRC Issue) को लेकर उन्होंने अपना विरोध जताया और पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद वह राज्य में सक्रिय हुए और टिपरा मोथा नामक एक सामाजिक संगठन का गठन किया। लेकिन इसके बाद यह संगठन राजनीतिक ताकत में तब्दील हो गया। टिपरा मोथा ने अप्रैल 2021 में त्रिपुरा आदिवासी क्षेत्र स्वशासी जिला परिषद का चुनाव लड़ा और 28 में से 18 सीटों पर जीत दर्ज की। रुझानों के अनुसार त्रिपुरा में बीजेपी को स्पष्ट बहुमत मिल चुका है

अलग राज्य की कर रहे मांग

प्रद्योत की आदिवासी समुदाय के बीच गहरी पैठ है और वह आदिवासी समुदाय के लिए टिपरालैंड (TipraLand) नाम का एक अलग राज्य बनाने की मांग कर रहे हैं। इससे उनके प्रति आदिवासियों का भावनात्मक लगाव भी जुड़ गया है। इस बार के विधानसभा चुनावों में टिपरा ने 40 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। बता दें कि त्रिपुरा में 32 फीसदी आदिवासी समुदाय की आबादी है।

त्रिपुरा चुनाव में 20 सीटें आदिवासियों के लिए आरक्षित हैं। इन सीटों के अलावा गैर आदिवासी सीटों पर भी प्रद्योत ने उम्मीदवार खड़े किए हैं। 42 सीटों पर पार्टी विधानसभा चुनाव लड़ रही है। 2018 के विधानसभा चुनाव में सभी आदिवासी रिजर्व सीटों पर बीजेपी और आईपीएफटी गठबंधन ने जीत दर्ज की थी।