केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने तीन तलाक के मुद्दे पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को बड़ी नसीहत देते हुए उस पर राजनीति न करने को कहा है। केन्द्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को कहा कि यह मामला लैंगिक समानता और न्याय का है। लिहाजा, इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। वेंकैया नायडू ने कहा, “अगर आप विधि आयोग का बहिष्कार करना चाहते हैं तो यह आपकी मर्जी है लेकिन आप अपने विचार दूसरों पर नहीं थोप सकते हैं और न ही इसे राजनीतिक बना सकते हैं।” नायडू ने आगे कहा, “मुझे समझ में नहीं आता कि इसमें परेशानी क्या है? क्यों इसे पीएम के पास लाने की बात हो रही है? इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर एक स्वस्थ बहस होने दीजिए।” नायडू ने मुस्लिम संस्थानों से समान नागरिक संहिता पर बहस करने का आह्वान किया है। इसके साथ ही उन्होंने पूछा कि पीएम मोदी उनकी नजर में कैसे तानाशाह हैं?
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गौरतलब है कि गुरुवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में पर्सनल लॉ बोर्ड और मुस्लिम संगठनों ने समान नागरिक संहिता पर विधि आयोग की प्रश्नावली का विरोध किया और सरकार पर उनके समुदाय के खिलाफ ‘युद्ध’ छेड़ने का आरोप लगाया। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और देश के कुछ दूसरे प्रमुख मुस्लिम संगठनों ने दावा किया कि अगर समान नागरिक संहिता को लागू कर दिया जाता है तो यह सभी लोगों को ‘एक रंग’ में रंग देने जैसा होगा, जो देश के बहुलतावाद और विविधता के लिए खतरनाक होगा। पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव वली रहमानी, जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष अरशद मदनी, ऑल इंडिया मिल्ली काउंसिल के प्रमुख मंजूर आलम, जमात-ए-इस्लामी हिंद के पदाधिकारी मोहम्मद जफर, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य कमाल फारूकी और कुछ अन्य संगठनों के पदाधिकारियों ने तीन तलाक और समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर सरकार को घेरा।
You want to boycott Law Commission then its your choice but don't force your view on others&dont make it political: Venkaiah Naidu on AIMPLB
— ANI (@ANI) October 14, 2016
What is the objection I don't understand and why to bring in PM? Let us have a healthy debate on the core issue: Venkaiah Naidu on AIMPLB pic.twitter.com/YdMdSFcPHU
— ANI (@ANI) October 14, 2016
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