मुस्लिम समाज से जुड़े तीन तलाक (Triple Talaq) बिल को लोकसभा के सदन पटल पर मोदी सरकार ने पेश कर दिया। शुक्रवार को कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने जैसे ही बिल पेश किया सदन में हंगामा शुरू हो गया। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी बात रखते हुए बिल के ड्राफ्ट की पुरजोर मुखालफत की। ओवैसी ने कहा कि बिल में तीन तलाक देने वाले शौहर को जेल भेजना का प्रावधान है। ऐसे में अगर शौहर जेल चला जाएगा तो पत्नी का खर्चा कौन उठाएगा। ओवैसी ने कहा बिल के संबंध में सरकार की मानसिकता पर सवाल उठाए। ओवैसी ने तंज भरे लहजे में कहा, “आपको मुस्लिम महिलाओं से मोहब्बत है, आपको केरल की हिंदू महिलाओं से मोहब्बत क्यों नहीं है? उन्हें सबरीमाला मंदिर क्यों नहीं जाने दिया जा रहा?”
ओवैसी के अलावा कांग्रेस ने भी इस बिल के ड्राफ्ट का विरोध किया। कांग्रेस की तरफ से शशि थरूर ने इसे संविधान के खिलाफ बताया। कांग्रेस ने भी इस बिल के प्रावधानों के लेकर अपनी आपत्ति जताई। कांग्रेस ने पहले भी बिल में मुस्लिम महिला के पति को सजा देने के प्रावधान पर आपत्ति जताया है।
सरकार की तरफ से बिल पर अपना पक्ष रखते हुए कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि मोदी सरकार का लक्ष्य मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाना है। उन्होंने कहा कि उन्हें लगा था कि इस मुद्दे पर चुनाव हारने के बाद विपक्ष रोड़े नहीं अटकाएगा। लेकिन, उनका विरोध पहले की तरह ही जारी है। उन्होंने कहा कि यह बिल नारी की गरीमा और उसके इंसाफ का सवाल है।