Triple Talaq Bill in Rajya Sabha Parliament Updates: विपक्ष के हंगामे की वजह से राज्यसभा 2 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी गई। मुस्लिमों में एक बार में तीन तलाक की प्रथा को अपराध की श्रेणी में लाने वाला तीन तलाक विधेयक पेश नहीं हो सका। सोमवार को विपक्ष के हंगामे की वजह से पहली बार कार्यवाही को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। 2 बजे एक बार फिर से कार्यवाही शुरू हुई लेकिन इस बार भी विपक्ष ने हंगामा शरू कर दिया। आखिरकार उच्च सदन को 2 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
विरोधी पहले से ही तीन तलाक बिल को लेकर विरोध जता रहे थे। कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी दल इसे प्रवर समिति के पास भेजने के प्रयास में हैं। सदन की कार्यवाही से पहले एक ओर कांग्रेस ने अपने सांसदों की बैठक बुलाई, वहीं दूसरी ओर पीएम मोदी की अध्यक्षता में भी बैठक हुई।बता दें कि विधेयक को बीते बृहस्पतिवार को विपक्ष के बहिर्गमन के बीच लोकसभा द्वारा मंजूरी दी जा चुकी है। विधेयक के पक्ष में 245 जबकि विपक्ष में 11 वोट पड़े थे। हालांकि, राज्यसभा में भाजपा नीत राजग के पास पर्याप्त संख्याबल नहीं है।
राज्यसभा को 2 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। आज तीन तलाक बिल राज्यसभा में पेश नहीं हो सका।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यह एक ऐसा बिल है जो करोड़ों लोगों के जीवन को प्रभावित करेगा। ऐसे बिल को प्रवर समिति में भेजे बिना पास नहीं होना चाहिए।
राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हो चुकी है। विरोधियों ने तीन तलाक बिल को लेकर विरोध जताया है। राज्यसभा में टीएमसी के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि सभी विपक्षी पार्टियों ने तय कर लिया है कि इसे प्रवर समिति के पास भेजा जाना चाहिए।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि तीन तलाक बिल पर हमारा स्टैंड पहले से ही क्लियर है। हमारी पार्टी ने भी अपना स्टैंड क्लियर कर दिया है।
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा, "तीन तलाक बिल लाकर वे (भाजपा) हमारे घरों में प्रवेश कर रहे हैं। यह हमारे पारिवारिक जीवन को बर्बाद कर देगा। महिलाओं और पुरुषों के जीवन की परेशानियां बढ़ जाएगी। मुझे मालूम है कि शादी टूटने के बाद महिलाओं को आर्थिक रूप से काफी ज्यादा परेशानी होती है। जब हम मुसलमानों के लिए आरक्षण की बात करते हैं तो भाजपा धार्मिक आधार पर इसे खारिज कर देती है। लेकिन तीन तलाक जैसे बिल संसद में ले आती है।"
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान राज्यसभा की कार्यवाही लगातार बाधित रहने के लिये विपक्षी दलों ने सत्तापक्ष को दोषी ठहराया है। उच्च सदन में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद की अध्यक्षता में सोमवार को विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक हुयी। इसमें कार्यवाही बाधित करने को लेकर सदन में स्थिति स्पष्ट करने पर चर्चा हुयी। बैठक के बाद टीएमसी के ब्रायन ने कहा कि शीतकालीन सत्र के शुरुआती 11 दिनों में राज्यसभा में औसतन 16 मिनट प्रतिदिन काम हुआ। उन्होंने अन्नाद्रमुक का नाम लिये बिना कहा कि भाजपा के तमिल सहयोगी दल सदन की बैठक 11 बजे शुरु होने के दस मिनट बाद आसन के समीप जाकर नारेबाजी शुरु कर देते हैं।
सरकार द्वारा उच्च सदन में पेश किए जाने वाले तीन तलाक संबंधी विधेयक पर विपक्ष की रणनीति तय करने के लिये हुयी बैठक में तृणमूल कांग्रेस सदस्य डेरेक ओ ब्रायन, सपा के रामगोपाल यादव, राजद के मनोज झा और आप के संजय सिंह सहित अन्य दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया।
तमिलनाडु में सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक और विपक्षी दल द्रमुक विवादास्पद तीन तलाक विधेयक का राज्यसभा में विरोध करेंगे। यह बात दोनों दलों ने रविवार को कही। ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्नाद्रमुक) के नेता और लोकसभा में उपाध्यक्ष एम. थंबीदुरई ने कहा, ‘‘हम तीन तलाक विधेयक का विरोध करते हैं। अन्नाद्रमुक का कर्तव्य है कि अल्पसंख्यकों के कल्याण की रक्षा करे। हमारे मुस्लिम भाईयों के खिलाफ इस विधेयक का अन्नाद्रमुक पूरी तरह विरोध करेगा।’’ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के नेता और राज्यसभा की सदस्य कनिमोझी ने कहा कि तीन तलाक को ‘‘अपराध बनाए जाने’’ के विरोध में उनकी पार्टी का रूख अडिग है।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने तीन तलाक विधेयक का विरोध किया है। उन्होंने कहा, "मैं टीडीपी के राज्यसभा सांसदों से यह अपील करता हूं कि मुसलमानों को परेशान न होने दें। सभी विपक्षी दलों को भाजपा के इस मुस्लिम विरोधी रवैये का विरोध करना चाहिए। सरकार जबरन तीन तलाक बिल को थोपने का काम कर रही है। यह बिल सेक्युलरिज्म और राष्ट्रीय एकता के लिए खतरनाक है।"
तीन तलाक बिल को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, वित्त मंत्री अरुण जेटली, गृह मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहे।
राज्यसभा में विपक्षी सदस्यों ने विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार पर हमला किया। उनके हंगामे की वजह से कार्यवाही को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
प्रस्तावित कानून में, एक बार में तीन तलाक को गैरकानूनी और शून्य ठहराया गया है और ऐसा करने वाले पति को तीन साल के कारावास का प्रावधान है।
राज्यसभा में संख्याबल विपक्ष के समर्थन में है जहां संप्रग के पास 112 जबकि राजग के पास 93 सदस्य हैं। एक सीट खाली है जबकि बाकी के अन्य दलों के 39 सदस्य न तो राजग और ना ही संप्रग से जुड़े हैं और वे विवादित विधेयक के पारित होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। संसदीय कार्य राज्यमंत्री विजय गोयल ने भी इस विधेयक को पारित कराने में सभी दलों से समर्थन मांगा है।
कांग्रेस ने अपने सांसदों की बैठक बुलाई है। कई विपक्षी दल भी सोमवार की सुबह विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद के चैंबर में मुलाकात करके इस मुद्दे पर सदन की अपनी रणनीति बना रहे हैं।
विवादित तीन तलाक विधेयक को विपक्षी दलों का कड़ा विरोध झेलना पड़ सकता है। विपक्ष इसे आगे की जांच के लिए प्रवर समिति में भेजने की अपनी मांग को लेकर लामबंद है।
विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ऊपरी सदन में इस विधेयक को पेश करेंगे।
तीन तलाक विधेयक को बीते गुरुवार को बहिर्गमन के बीच लोकसभा द्वारा मंजूरी दी जा चुकी है। विधेयक के पक्ष में 245 जबकि विपक्ष में 11 वोट पड़े थे।
सदन के सभापति एम वेंकैया नायडू के अपनी सास के निधन के कारण सोमवार को सदन में उपस्थित रहने की संभावना नहीं है और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश सदन की कार्यवाही के संचालन का जिम्मा संभाल सकते हैं।