Triple Talaq Bill in Rajya Sabha News Updates: तीन तलाक पर रोक लगाने के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के हाथ बड़ी कामयाबी लगी है। एक हफ्ते पहले संसद के निचले सदन लोकसभा से पारित हो चुका तीन तलाक से जुड़ा बिल मंगलवार (30 जुलाई, 2019) को उच्च सदन राज्यसभा में पास हो गया। सदन में इसके लिए पर्चियों से मतदान कराया गया, जिसके पक्ष में 99 और विरोध में 84 वोट पड़े। हालांकि, वोटिंग की प्रक्रिया के बीच और पहले कई बड़े दलों के नेता सदन से वॉकआउट कर गए। इनमें टीआरएस और जेडीयू आदि अन्य पार्टियों के सदस्य शामिल थे। दोनों सदनों से पास हो चुका यह बिल अब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास जाएगा, जिनकी मंजूरी के बाद यह कानून का रूप ले लेगा।

पीएम मोदी ने इस विधेयक के राज्यसभा में पारित होने पर खुशी जाहिर करते हुए इसे ऐतिहासिक दिन कहा। एक ट्वीट के जरिए उन्होंने कहा कि मुस्लिम महिलाओं को सम्मान से जीने का हक मिल गया है। वहीं, केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बिल पास होने के बाद कहा कि आज ऐतिहासिक दिन है। संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) से मुस्लिम महिलाओं को न्याय मिल गया है। यह बदलते भारत की शुरुआत है।

हालांकि, कांग्रेस ने इस बिल के पास होने को ऐतिहासिक गलती करार दिया। पार्टी नेता राज बब्बर पत्रकारों से बोले- मैं समझता हूं कि इस देश के अंदर किसी भी परिवार के लिए यह कानून को लेकर बहुत बड़ा झटका है। सिविल लॉ को क्रिमिनल लॉ बना दिया है। यह ऐतिहासिक गलती है।

क्या है 3 तलाक से जुड़े इस बिल में?: मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक, मुसलमान महिलाओं को तीन तलाक देने की प्रथा पर रोक लगाने में मदद करेगा। बिल में तीन तलाक का अपराध साबित होने पर आरोपी पति को तीन साल तक की जेल का प्रावधान है। बिल में यह भी प्रावधान है कि अगर कोई मुस्लिम पति पत्नी को मौखिक, लिखित या इलेक्ट्रानिक रूप में या किसी और विधि से तीन तलाक (तीन बार तलाक कहकर) देता है तो उसकी ऐसी कोई भी ‘उदघोषणा शून्य और अवैध होगी।’ यह भी प्रावधान किया गया है कि तीन तलाक से पीड़ित महिला अपने पति से खुद और अपनी आश्रित संतानों के लिए निर्वाह भत्ता प्राप्त पाने की हकदार होगी। यह रकम मजिस्ट्रेट निर्धारित करेगा।

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20:53 (IST)30 Jul 2019
कांग्रेस ने तीन तलाक विरोधी विधेयक की प्रांसगिकता पर सवाल उठाए

कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि एक बार में तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) को आपराधिक कृत्य बनाने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि इस प्रथा को उच्चतम न्यायालय ‘‘शून्य एवं अमान्य’’ करार दे चुका है। पार्टी के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, ‘‘हमने बुनियादी तौर पर इस विधेयक का समर्थन किया था। हम इसमें संशोधन चाहते थे ताकि मुस्लिम महिलाओं को सहयोग मिल सके। हमारा विरोध दो-तीन मुद्दों पर था।’’

उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने तीन तलाक को ‘‘शून्य एवं अमान्य’ कर दिया है, ऐसे में इसे फौजदारी का मामला बनाने की क्या जरूरत है। बता दें कि संसद ने मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक देने की प्रथा पर रोक लगाने के प्रावधान वाले एक ऐतिहासिक विधेयक को मंगलवार को मंजूरी दे दी। विधेयक में तीन तलाक का अपराध सिद्ध होने पर संबंधित पति को तीन साल तक की जेल का प्रावधान किया गया है।

20:16 (IST)30 Jul 2019
VIDEO: शरद पवार से हुए सवाल, तो देखिए कैसा हुआ उनका हाल
19:32 (IST)30 Jul 2019
PM मोदी ने भी जताई खुशी, किए ये ट्वीट्स

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राज्यसभा में तीन तलाक के खिलाफ बिल पास होने पर खुशी जाहिर की। उन्होंने इसे ऐतिहासिक घटनाक्रम बताते हुए ट्वीट किया, "पूरे देश के लिए आज एक ऐतिहासिक दिन है। आज करोड़ों मुस्लिम माताओं-बहनों की जीत हुई है और उन्हें सम्मान से जीने का हक मिला है। सदियों से तीन तलाक की कुप्रथा से पीड़ित मुस्लिम महिलाओं को आज न्याय मिला है। इस ऐतिहासिक मौके पर मैं सभी सांसदों का आभार व्यक्त करता हूं।"

अगले ट्वीट में उन्होंने लिखा, "तीन तलाक बिल का पास होना महिला सशक्तिकरण की दिशा में बहुत बड़ा कदम है। तुष्टिकरण के नाम पर देश की करोड़ों माताओं-बहनों को उनके अधिकार से वंचित रखने का पाप किया गया। मुझे इस बात का गर्व है कि मुस्लिम महिलाओं को उनका हक देने का गौरव हमारी सरकार को प्राप्त हुआ है।"

19:15 (IST)30 Jul 2019
सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने का प्रस्ताव भी खारिज

इससे पहले, राज्यसभा में इस विधेयक को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने के प्रस्ताव पर मतदान हुआ था, जो कि 100-84 से गिर गया। उसी बीच, कई बड़े दलों ने सदन से वॉकआउट कर दिया था। राजनीतिक जानकारों का इस बारे में कहना है कि विपक्ष इससे राज्यसभा में टूटता नजर आ रहा है, जबकि बीजेपी की स्थिति मजबूत नजर आ रही है।

18:52 (IST)30 Jul 2019
'हम मुस्लिम महिलाओं को रोते नहीं छोड़ेंगे'

चर्चा के समय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी यह प्रथा जारी है। उन्होंने आगे दावा किया कि विपक्ष तीन तलाक को जारी रखना चाहता है। आखिर आपने तब क्यों नहीं कहा कि पति जेल जाएगा, तो क्या होगा। प्रसाद बोले- तीन तलाक को नाम के लिए हम गलत नहीं मानेंगे।

कानून मंत्री ने आगे कहा कि पैगंबर साहब ने भी तीन तलाक को गलत माना था। ऐसे में वह मुस्लिम महिलाओं को रोते हुए नहीं छोड़ सकते हैं। बता दें कि तीन तलाक से जुड़ा बिल पिछले हफ्ते निचले सदन यानी कि लोकसभा में पारित हो चुका है, जबकि आज यह राज्यसभा में पेश किया गया। फिलहाल बिल पर वोटिंग जारी है।

18:14 (IST)30 Jul 2019
वोटिंग के लिए नहीं आए ये नेता

पर्ची के जरिए राज्यसभा में बिल पर वोटिंग की प्रक्रिया जारी। सभी सांसदों को पर्चियां बांटी जा रही हैं। यह वोटिंग बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने के लिए कराई जा रही है। इसी बीच, टीआरएस और जेडीयू ने सदन से वॉक आउट कर दिया, जबकि शरद पवार, प्रफुल्ल पटेल और राम जेठमलानी वोटिंग के लिए नहीं पहुंचे।

18:13 (IST)30 Jul 2019
वोटिंग के दौरान TRS-JDU का वॉकआउट, कौन कौन नहीं आया मतदान के दौरान?

पर्ची के जरिए राज्यसभा में बिल पर वोटिंग की प्रक्रिया जारी। सभी सांसदों को पर्चियां बांटी जा रही हैं। यह वोटिंग बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने के लिए कराई जा रही है। इसी बीच, टीआरएस और जेडीयू ने सदन से वॉक आउट कर दिया, जबकि शरद पवार, प्रफुल्ल पटेल और राम जेठमलानी वोटिंग के लिए नहीं पहुंचे।

18:04 (IST)30 Jul 2019
बगैर संसदीय समीक्षा के लाया गा है अध्यादेशः टीएमसी

तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन बोलीं कि उनकी पार्टी तीन तलाक के बारे में लाए गए अध्यादेश का विरोध इसलिए कर रही है, क्योंकि यह बिना संसदीय समीक्षा के लाया गया है। उन्होंने कहा कि हमारे देश में न तो राष्ट्रपति शासन लगा है और न ही तानाशाही है, इसलिए संसद की समीक्षा के बिना कोई भी कानून लाना संविधान की भावना के विरूद्ध है।

उन्होंने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ भाजपा महिला सशक्तिकरण के बारे में केवल बात ही करती है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार इसके लिए वाकई गंभीर है तो उसे महिला आरक्षण संबंधित विधेयक संसद में लाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए यदि वर्तमान सत्र का एक और दिन बढ़ाना पड़े तो हमारी पार्टी उसके लिए भी तैयार है।

16:58 (IST)30 Jul 2019
तीन तलाक बिल पेश कर बोले रविशंकर प्रसाद- राजनीतिक चश्मे से न देखें विधेयक, जेडीयू का वॉकआउट

संसद के उच्च सदन यानी कि राज्यसभा में मंगलवार को तीन तलाक बिल पेश हुआ। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस दौरान कहा कि तीन तलाक से जुड़ा बिल मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाने के मकसद से लाया गया है और इसे किसी राजनीतिक चश्मे से नहीं देखाना चाहिए।

मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2019 को चर्चा और पारित करने के लिये पेश करते हुए वह आगे बोले कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक फैसले में इस प्रथा पर रोक लगाने के बावजूद तीन तलाक की प्रथा जारी है। हालांकि, जेडीयू सदस्यों ने इस बिल का विरोध किया और वे इसके बाद सदन से वॉकआउट कर गए। 

15:53 (IST)30 Jul 2019
TMC सांसद के बयान पर हंगामा, जानिए ऐसा क्या कह दिया

टीएमसी सांसद डोला सेन ने तीन तलाक बिल पर चर्चा के दौरान कहा कि नागपुर में एक संस्था है, जिसके चीफ ने कहा था कि पति और पत्नी सामाजिक सामाजिक करार से जुड़े हैं और अगर महिला अपनी ड्यूटी नहीं निभा पाती है तो उसे छोड़ देना चाहिए। डोला सेन के इस बयान पर सदन में जोरदार हंगामा होने लगा। डोला सेन आगे बोलीं कि इस बिल में तीन तलाक को अपराध बनाने जैसा क्रूर प्रावधान है, इसलिए बिल को सलेक्ट कमेटी को भेजा जाना चाहिए, जेल में जाकर कोई पति अपनी पत्नी को मुआवजा कैसे दे सकता है।

15:02 (IST)30 Jul 2019
3 तलाक बिल पेश करने पर क्या बोले रवि शंकर प्रसाद?

केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने तीन तलाक बिल पेश करते हुए संसद के उच्च सदन यानी कि राज्यसभा में कहा कि यह लैंगिग न्याय, गरिमा और सामाजिक बराबरी का मामला है।

14:36 (IST)30 Jul 2019
बगैर जांचे-परखे बिल पास करा रही सरकार- टीएमसी सांसद डोला सेन

लंच के बाद राज्यसभा की कार्यवाही फिर शुरू होने पर टीएमसी की सांसद डोला सेन ने तीन तलाक बिल पर बोलते हुए कहा कि सरकार विधेयकों को बगैर जांच-परख के पास करा रही है। डोला सेन ने कहा कि लोकसभा में सरकार के पास बहुमत है, इसका मतलब यह नहीं कि संसदीय परंपरा और संविधान का अपमान करें।

13:31 (IST)30 Jul 2019
लंच के लिए सदन दोपहर 2 बजे तक स्थगित

तीन तलाक बिल पर चर्चा के दौरान उपसभापति ने कहा कि बिल पर चर्चा के लिए सदन स्थगित नहीं होगा। इस पर कांग्रेस नेताओं ने आपत्ति जतायी। इसके बाद लंच के लिए सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।

13:09 (IST)30 Jul 2019
'तीन तलाक बिल में कई खामियां, पीड़ित की परेशानियों पर नहीं दिया है ध्यान'

कांग्रेस सांसद अमी याजनिक ने कहा कि तीन तलाक बिल में कई खामियां हैं, जिन पर ध्यान नहीं दिया गया है। बिल पर चर्चा करते हुए कांग्रेस सांसद ने कहा कि बिल के अनुसार, 'यदि पति कानूनी कार्रवाई का सामना कर रहा है तो वह पीड़िता को गुजारा भत्ता कैसे देगा?' 'इसके साथ ही जब पति पत्नी कानूनी कार्रवाई में फंसे होंगे तो उनके बच्चों का क्या होगा, इसके बारे में बिल में कोई जानकारी नहीं दी गई है। इसके साथ ही यह बिल पीड़िता को मिलने वाली परेशानी और तनाव के बारे में भी कुछ नहीं करता है।'

12:42 (IST)30 Jul 2019
कांग्रेस सांसद अमी याज्ञनिक ने बिल का विरोध किया

कांग्रेस सांसद अमी याज्ञनिक ने यह कहते हुए राज्यसभा में तीन तलाक बिल का विरोध किया कि इस बिल पर गंभीरता से विचार नहीं किया गया है। कांग्रेस सांसद के अनुसार, यह बिल मुस्लिम महिलाओं को आपराधिक कानूनी मामलों में उलझा देगा, जहां उनकी निजता प्रभावित होगी।

12:15 (IST)30 Jul 2019
रविशंकर प्रसाद बोले- यह लैंगिक समानता का मसला

तीन तलाक बिल राज्यसभा में पेश करते हुए केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह लैंगिक समानता, स्वाभिमान और सभी को बराबर समझने का मामला है।

12:13 (IST)30 Jul 2019
तीन तलाक बिल राज्यसभा में पेश

तीन तलाक बिल राज्यसभा में पेश हो गया है। केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राज्यसभा में यह बिल पेश किया।

11:58 (IST)30 Jul 2019
पिछले कार्यकाल में तीन तलाक बिल नहीं हो सका था पास

केन्द्र की मोदी सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल में भी तीन तलाक बिल संसद में पेश किया था। उस समय भी सरकार लोकसभा से इस बिल को पास कराने में सफल रही थी, लेकिन राज्यसभा में आपत्तियों के चलते सरकार इस बिल को पास नहीं करा सकी थी। अब सरकार ने कुछ संशोधन के साथ यह बिल फिर से संसद में पेश किया है। 

11:56 (IST)30 Jul 2019
लोकसभा से हो चुका है पास

केन्द्र सरकार तीन तलाक बिल को लोकसभा से पास करा चुका है। हालांकि विपक्षी पार्टियों ने वहां भी इस बिल का खूब विरोध किया था। ऐसे में आज राज्यसभा में इस बिल पर चर्चा के दौरान खूब हंगामा होने के आसार हैं।