भारत में घुसपैठ की समस्या को धर्मांतरण से भी खतरनाक करार देते हुए भाजपा की मध्यप्रदेश इकाई के अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने दावा किया कि देश में बांग्लादेशी घुसपैठियों की संख्या करोड़ों में है।

चौहान ने इंदौर प्रेस क्लब में ‘प्रेस से मिलिये कार्यक्रम’ में कहा, ‘देश में बांग्लादेशी घुसपैठियों की संख्या लाखों में नहीं, बल्कि करोड़ों में है। पूर्ववर्ती यूपीए सरकार ने भी इस संबंध में आंकड़े पेश किये थे।’

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष से पूछा गया था कि क्या वह मानते हैं कि भारत में वर्ष 2001 से वर्ष 2011 के बीच मुस्लिमों की 24 प्रतिशत बढ़ी आबादी में घुसपैठियों की बड़ी जनसंख्या शामिल है।

चौहान ने कहा, ‘घुसपैठ धर्मांतरण से भी खतरनाक है। पश्चिम बंगाल, असम और पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में बड़ी संख्या में बांग्लादेशी घुसपैठिये हैं और वे भारत के लिये समस्या बन रहे हैं। इस घुसपैठ से भारत की धरती पर बोझ बढ़ गया है।’

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने घुसपैठियों पर असामाजिक कृत्यों में शामिल होने और आतंकी गतिविधियों चलाने वाले लोगों के सहायक होने का आरोप लगाया और कहा कि घुसपैठ की समस्या देश की सुरक्षा से भी जुड़ी है।

चौहान ने भारत में घुसपैठ की समस्या को ‘65 साल पुराना नासूर’ बताते हुए कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार घुसपैठ रोकने के लिये उचित उपाय कर रही है।

बहरहाल, 62 वर्षीय भाजपा नेता ने कहा कि पाकिस्तान और बांग्लादेश में प्रताड़ना के शिकार होने वाले हिंदू अल्पसंख्यकों को भारत में शरण दी जानी चाहिये। उन्होंने कहा, ‘मैं और मेरी पार्टी इस बात के पक्ष में हैं कि इन शरणार्थियों को भारत की नागरिकता भी दी जानी चाहिये।’

चौहान ने देश में लालच, भय और दबाव से धर्मांतरण के खिलाफ सख्त कानून बनाये जाने की जोरदार वकालत भी की। उन्होंने कहा, ‘भाजपा हमेशा से कहती आयी है कि अगर लालच, भय और दबाव से धर्मांतरण होता है, तो यह समाज के लिये समस्या बनता है।’