चलती ट्रेन में यात्रियों को जल्द दुर्गंध से मुक्ति मिल सकती हैं। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए रेलवे ने सिर्फ 56 सेकंड में ट्रेन के शौचालय को साफ करने का फैसला किया है। मौजूदा समय में ट्रेन के शौचालय को साफ करने में करीब सात मिनट का समय लग जाता है। ऐसे में अधिकतर ट्रेन में सफर करने वाले यात्री गंदे व दुर्गंध युक्त शौचालय की शिकायत करते हैं।

इस मसले पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का दावा है कि साल 2026 के अंत तक ट्रेनों के शौचालय को महज 56 सेकंड में साफ कर दिया जाएगा। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए स्टार्टअप कंपनियों के साथ मिलकर नई तकनीक की मदद से प्रयास किया जाएगा। उनका दावा है कि अभी इन्हीं शौचालय को साफ करने में करीब सात मिनट का समय लगता है। इस दिशा में काम किया जा रहा है। इसके शुरुआती परिणाम साल 2026 के मध्य से दिखने लगेंगे। साल के अंत तक परियोजना को पूरा कर दिया जाएगा।

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वहीं रेलवे सूत्रों का कहना है कि शौचालय की सफाई के कारण कई बार स्टेशन पर ट्रेन ज्यादा समय तक रुक जाती है। नई तकनीक की मदद से शौचालय की सफाई का समय साढ़े सात गुना बढ़ जाएगा। इसका असर रेलवे प्रचालन भी दिखेगा। रेलवे में प्रति दिन लाखों यात्री सफर करते हैं। अकेले दिवाली के दिन ही रेलवे से करीब 1.2 करोड़ यात्री ने सफर किया। ऐसे में इन शौचालयों पर काफी दबाव रहता है। स्वच्छता के अभाव के कारण यात्री भी परेशान होते हैं। इस कोशिश से रेलवे यात्रियों को स्वच्छता और सुविधा के नए स्तर तक ले जाने की दिशा में काम कर रही है।

इससे पहले गुरुवार को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि त्योहारी मौसम में रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की भीड़ पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। मंडल, जोन और रेलवे बोर्ड के स्तर पर यह निगरानी वास्तविक समय में की जा रही है, ताकि भीड़ को कुशलतापूर्वक और निर्बाध तरीके से नियंत्रित किया जा सके।

रेल भवन के वॉर रूम में संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने बताया कि सभी मंडल और जोन सीसीटीवी कैमरों की मदद से स्टेशन पर यात्रियों की आवाजाही पर नजर रख रहे हैं। रेलवे बोर्ड का वॉर रूम इसे तीसरे स्तर की निगरानी के रूप में संभालता है।