कृषि कानून के खिलाफ जहां एक तरफ किसान अपनी आक्रामकता बढ़ा रहे हैं तो वहीं सरकार भी इस बार पहले से ज्यादा सतर्क नजर आ रही है। किसानों द्वारा प्रस्तावित ट्रैक्टर परेड रैली के एक दिन पहले इसका नजारा देखने को मिला। एक तरफ किसानों ने रिहर्सल के नाम पर सड़कों पर ट्रैक्टरों की लाइन लगा दी तो वहीं दूसरी तरफ किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे राकेश टिकैत ने गिरफ्तार किसानों को रिहा करने की मांग की। इसके अलावा सरकार ने किसानों के प्रदर्शन के ऐलान के मद्देनजर लाल किले पर सुरक्षा के अतिरिक्त इंतजाम किए हैं।

जींद में ट्रैक्टर रैली: हरियाणा के जींद जिले के उचाना कलां इलाके में ट्रैक्टर परेड का रिहर्सल किया गया। इस परेड की अगुवाई महिला किसान करेंगी। एक किसान ने बताया कि इस रैली में 5 हजार ट्रैक्टर्स और 20 हजार किसान हिस्सा लेंगे। जींद में रिहर्सल के दौरान दर्जनों ट्रैक्टर सड़क पर नजर आए, हर ट्रैक्टर पर 5 से 6 की संख्या में लोग मौजूद थे, जोकि हाथों में तिरंगा झंडा लिए हुए थे। सभी एक लाइन में सड़क किनारे चलते हुए दिखाई दिए।

टिकैत ने गिरफ्तार किसानों को रिहा करने की मांग की: BKU नेता राकेश टिकैत ने अंबाला में विरोध प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किए गए किसानों को रिहा करने की मांग करते हुए चेतावनी दी कि यदि रिहा नहीं किया तो किसान खुद फैसला लेंगे। टिकैत ने ट्वीट कर कहा कि लोकतंत्र में शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करना अपराध नही बल्कि नागरिक समाज की सजगता का प्रमाण है। अम्बाला में अनिल विज को काले झंडे दिखाने के आरोप में 200 से अधिक किसानों की गिरफ्तारी दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को तुरंत रिहा करे,अन्यथा किसान फैसला करेंगे।

किसान गिरफ्तार: आंदोलन से जुड़े किसान पिछले कई महीनों से जगह-जगह पर बीजेपी नेताओं का विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी कड़ी में मंगलवार को हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज अपनी विधानसभा क्षेत्र के एक गांव में दौरा करने पहुंचे थे। यहां कुछ युवकों ने विज के काफिले को काले झंडे दिखाए थे। जिसके चलते 5 युवकों को गिरफ्तार किया था। इसके विरोध में किसान यूनियन ने नेशनल हाइवे जाम कर दिया है।

15 अगस्त पर क्या है किसानों की तैयारी: दिल्ली की सीमाओं पर पिछले कई महीनों से आंदोलन कर रहे किसानों ने स्वतंत्रता दिवस के दिन ट्रैक्टर परेड निकालने का ऐलान किया था। किसानों ने इस दिन तो किसान-मजदूर आजादी संग्राम दिवस के रूप में मनाने का फैसला करते हुए कहा था कि देशभर में किसान तहसील स्तर पर तिरंगा रैलियां निकालेंगे। किसानों का दावा है कि वह दिल्ली में नहीं घुसेंगे।