भारतीय रेलवे यात्रियों को अच्छी से अच्छी सुविधा देने की पूरी कोशिश कर रही है। इसके लिए कुछ ट्रेनों को उत्कृष्ट योजना के तहत लग्जरी बनाया गया है। इस योजना के तहत बाथरूम में बड़े-बड़े शीशे, स्टील के नल, एंटी स्किड फ्लोरिंग, स्टेनलेस स्टील का डस्टबिन आदि लगाए गए हैं। लेकिन कुछ अराजक तत्वों को ये रास नहीं आया और उन्होंने साबुन से लेकर टॉयलेट कवर तक सब चुरा लिया। इससे रेलवे को भारी नुकसान हुआ है।
रेलवे ने लंबी दूरी की ट्रेनों को उत्कृष्ट योजना के तहत अपग्रेड किया था। इस योजना के तहत ट्रेनों में 300 उत्कर्ष रेक लगाए गए थे। लेकिन इस योजना के एक-डेढ़ साल बाद ही ये शर्मनाक तस्वीर सामने आई है। मुंबई मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक रेक के शौचालय और वॉश बेसिन से 5,000 से अधिक स्टेनलेस स्टील के नल चोरी हो गए हैं। रेलवे के आंकड़ों से पता चलता है कि स्टेनलेस स्टील फ्रेम के साथ लगभग 2,000 शीशे, लगभग 500 लिक्विड साबुन के डिस्पेंसर और लगभग 3,000 शौचालय फ्लश वाल्व लगभग 80 उत्कृष्ट रेक से गायब हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक एक अधिकारी ने बताया कि रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों को जब ये पता चला तो उनकी नींद उड़ गई। प्रोजेक्ट उत्कृष्ट, उत्कृष्टता के लिए हिंदी, यात्रियों को बेहतर सुविधा प्रदान करने के लिए 400 करोड़ रुपये की लागत से अक्टूबर 2018 में लॉन्च किया गया था। उत्कृष्ट रेक मध्य और पश्चिम रेलवे दोनों को प्रदान किए गए हैं। इन ट्रेनों के डिब्बे में एलईडी लाइटिंग लगाई गई हैं और हाईब्रिड डिजाइन बायो डायलेट लगाया गया है।
रेलवे के एक अधिकारी ने कहा कि मध्य रेलवे को चोरी के कारण 15.25 लाख रुपये का नुकसान हुआ, जबकि पश्चिम रेलवे को 38.58 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। एक अधिकारी ने बाया “प्रत्येक मिरर की कीमत 600 रुपये है जबकि नल की कीमत 108 रुपये है। नए सीट कवर क्षतिग्रस्त हो गए हैं, और आपातकालीन बॉक्स जिसमें एक हथौड़ा रखा गया था वह भी गायब है। लगभग 80 रेक से हथोड़े गायब हैं।” अधिकारी के बताया कि प्रत्येक उत्कृष्ट रेक के लिए रेलवे ने लगभग 60 लाख रुपये खर्च किए हैं।
इससे पहले हाईस्पीट ट्रेन तेजस एक्सप्रेस के साथ भी ऐसा ही हुआ था। अपने पहले सफर में के बाद जब तेजस जब वापस आई तो इससे जुड़ा शर्मनाक मामला सामने आया था। यात्रा के दौरान ट्रेन को काफी नुकसान पहुंचाया गया था। ट्रेन से हेडफोन चोरी होने और सीट पर लगी टीवी स्क्रीन को नुकसान पहुंचाए जाने की घटना सामने आई थी। इतना ही नहीं तेजस ट्रेन के सफर पर रवाना होने से पहले भी उपद्रवियों ने पत्थर मार कर ट्रेन के शीशे तोड़ दिए थे।

