पीएनबी घोटाला मामले के मुख्य आरोपी हीरा कारोबारी नीरव मोदी के अलीबाग स्थित बंगले को रायगढ़ जिले के अधिकारी कंट्रोल्ड डेटोनेशन के जरिए गिराने की तैयारी कर रहे हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने इस बंगले की कीमत 42 करोड़ रुपये आंकी है। सूत्रों के मुताबिक, इस बंगले का निर्माण खास कंक्रीट से हुआ है, जिसकी वजह से इसे जेसीबी मशीनों के जरिए तोड़ना न केवल बेहद मुश्किल है, बल्कि इस प्रक्रिया में काफी समय भी लगेगा। बता दें कि 2018 में इस बंगले को रायगढ़ के कलेक्टर ने अवैध और गैरकानूनी घोषित कर दिया था। यह एक सी फेसिंग प्रॉपर्टी है। कलेक्टर ऑफिस के एक अधिकारी ने बताया कि इस बंगले में कुछ अंडरग्राउंड निर्माण भी कराया गया है, जिनतक मशीनें नहीं पहुंच सकतीं।

बता दें कि बंगले को गिराने की प्रक्रिया 25 जनवरी को शुरू हुई थी। इससे पहले, ईडी ने इस बंगले को स्थानीय अफसरों को सौंप दिया था। एक अधिकारी ने बताया, ‘घर में कई महंगी इंपोर्टेड चीजें हैं। अच्छा खासा निर्माण है, जिसे हम तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। हम डेटोनेशन के जरिए ऐसा करने का विचार कर रहे हैं। हालांकि, यह एक आसान तरीका है लेकिन इसे सीमित तरीके से इस्तेमाल करना मुश्किल है। पर्यावरण के नजरिए से इस बंगले की जमीन बेहद संवेदनशील इलाके में आती है और इससे काफी नुकसान होगा।’

हालाकि, कलेक्टर का कहना है कि वह अभी भी बंगले को तोड़ने के दूसरे विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। रायगढ़ के कलेक्टर विजय सूर्यवंशी ने कहा, ‘यह अभी तय नहीं हुआ है कि इस प्रॉपर्टी को धमाके से उड़ाया जाएगा। घर बेहद मजबूत है और इसे पूरी तरह तोड़ने में बहुत वक्त लगेगा।’ बता दें कि पिछले महीने बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के बाद बंगले को गिराया जा रहा है। कोर्ट ने मोदी और अन्य द्वारा करवाए गए अवैध निर्माण को तोड़ने के लिए कहा था। कोर्ट का आदेश एक एनजीओ की याचिका पर आया था। पिछले साल दिसंबर में कलेक्टर ने मोदी को खुद ही इस बंगले को गिराने के लिए कहा था। जवाब न मिलने पर ईडी ने इस बंगले को अपने कब्जे में ले लिया था।