पेगासस जासूसी कांड को लेकर संसद में जोरदार हंगामा देखने को मिल रहा है तो वहीं इस मामले को केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री ने इसे विवाद का ‘कोई मुद्दा ही नहीं करार’ दिया है। सरकार के इस पक्ष को लेकर विपक्ष आक्रामक हो गया है। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) ने इस मामले को लेकर सरकार पर धावा बोलते हुए कहा कि कैबिनेट के मिनिस्टर इसे नॉन इश्यू यानी की गैर मुद्दा मानते हैं। उनकी नजर में यह कोई मुद्दा ही नहीं है। सरकार अवैध स्पाईवेयर को खरीदने में टैक्स पेयर्स का करोड़ों रुपये खर्च कर देती है। अपने ही नागरिकों की जासूसी करवाती है और फिर इस पर झूठ बोलती है। सरकार की नजर में तो कोई मुद्दा है ही नहीं।

यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने कई मुद्दों को लेकर सरकार का घेराव किया। अंग्रेजी अखबार दी टेलीग्राफ का ईपेपर साझा करते हुए उन्होंने उन मुद्दों की तरफ ध्यान आकर्षित कराया जिन पर सरकाऱ गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार पेगासस को गंभीर मुद्दा नहीं मानती है। किसानों के आंदोलन को गंभीरता से नहीं लेती है। ऑक्सीजन की किल्लत और उससे होने वाली मौतों पर सरकार बताती हैं कि ऑक्सीजन की कमी के कारण किसी की मौत नहीं हुई है। श्रीनिवास के अनुसार सरकार बेरोजगारी और पेट्रोल डीजल के बढ़ते दामों को भी कोई मुद्दा नहीं मानती है।

मोइत्रा और श्रीनिवास के इस ट्वीट पर लोगों का गुस्सा भी देखने को मिल रहा है। कोई इसे सरकार की नाकामियों की लिस्ट बता रहा है तो कोई इसे सिर्फ विपक्ष के द्वारा उठाए गए मुद्दे करार दे रहा है। ट्विटर यूजर संजय कुमार श्रीनिवास के ट्वीट पर लिखते हैं कि क्या हैं असली मुद्दे, सरकार पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाकर जनता को लूट रही है और विपक्ष हंगामा करके सदन नहीं चलने दे रहा है।

वहीं महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) के ट्वीट पर एक यूजर ने प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि बिल्कुल, आप जिन मुद्दों का जिक्र कर रही हैं उनमें से कोई भी गंभीरता भरा नहीं है। बकौल ट्विटर यूजर, देश का विपक्ष सिर्फ राई का पहाड़ बनाने की कोशिश कर रहा है। कुछ यूजर्स सरकार से नाखुश भी दिखाई दे रहे थे। मनोज राजे नाम के यूजर ने लिखा कि दरअसल सरकार पेगासस के काले सच से डरती है क्योंकि उन्होंने अपनों की भी जासूसी करवाई है।

मोदी सरकार के सामने इन दिनों कई समस्याएं चुनौती बनी हुई है। इन मुद्दों पर सरकार बचाव के साथ अपना पक्ष रख रही है लिहाजा विपक्ष का रुख दिन प्रतिदिन आक्रामक होता जा रहा है। एक तरह हर रोज बढ़ती महंगाई से जनता का गुस्सा बढ़ता जा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ पेगासस और किसान आंदोलन के मामलों पर विपक्ष की लामबंदी तेज होती जा रही है।