तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद महुआ मोइत्रा ने सोमवार को संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस पेश किया है। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने शुक्रवार (13 दिसंबर) को सदन में महुआ मोइत्रा को लेकर एक टिप्पणी की थी। इंडियन एक्सप्रेस को यह जानकारी मिली है। इस नोटिस पर टीएमसी, समाजवादी पार्टी, डीएमके समेत अन्य दलों के सांसदों ने भी हस्ताक्षर किए हैं।
क्या हुआ था?
महुआ मोइत्रा ने किरेन रिजिजू पर लोकसभा में उन्हें धमकाने का आरोप लगाया था। यह तब हुआ जब टीएमसी सांसद भारतीय संविधान के 75 साल पूरे होने पर एक बहस में भाग ले रही थीं। मंत्री रिजिजू ने न्यायाधीश बी एच लोया की मौत का जिक्र करने पर मोइत्रा के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी थी। यह मामला पहले ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुलझा लिया गया था।
इंडियन एक्सप्रेस को पता चला है कि विपक्षी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू की ‘व्यक्तिगत टिप्पणियों’ से नाखुश थे। कांग्रेस, डीएमके, समाजवादी पार्टी के नेताओं ने नोटिस पर हस्ताक्षर किए हैं।
ताजा नोटिस पेश करने का फैसला तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) द्वारा गुरुवार को रिजिजू के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश करने के नोटिस के कुछ ही दिनों बाद आया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उन्होंने “विपक्षी सदस्यों के संसद में रहने के लायक नहीं होने” के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की है।
टीएमसी की राज्यसभा सांसद सागरिका घोष ने कहा कि उन्होंने विपक्षी दलों के सदस्यों द्वारा हस्ताक्षरित नोटिस पेश किया है, जिसमें रिजिजू से माफी मांगने और विपक्षी सदस्यों के बारे में उनकी टिप्पणी को हटाने की मांग की गई है। जस्टिस लोया का मामला उठाने पर कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने जवाब दिया था और कहा था कि इस मामले को 3 जजों की बेंच सेटल कर चुकी है। इसलिए सदन में ऐसा बार बार नहीं कहा जा सकता और कहने पर टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ उपयुक्त संसदीय कार्रवाई होनी चाहिए। रिजिजू स्पीकर से मांग भी की थी कि वह बयान का संज्ञान लें।