अनीशा दत्ता
सरकार द्वारा राज्यसभा सचिवालय को सूचित किया गया है कि डेमोक्रेसी इंडेक्स में भारत के स्थान के सवाल को एक राज्यसभा सांसद द्वारा नामंजूर कर दिया गया है। द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक इस सवाल में एक सांसद द्वारा पूछा गया था कि भारत इकोनॉमी इंटेलिजेंस यूनिट (ईएयू) में 53वें स्थान पर क्यों फिसल गया?
टीएमसी सांसद का सवाल: बता दें कि जिस सवाल का जवाब 10 फरवरी को दिया जाना था उसे तृणमूल कांग्रेस सांसद शांता छेत्री ने पूछा था। राज्यसभा सदस्य छेत्री ने पूछा था कि क्या सरकार को इस बात का अंदाजा था कि ईएयू डेमोक्रेसी इंडेक्स में भारत के 53वें स्थान पर खिसकने से भारत की छवि खराब हुई है और क्या उसने भारत की रैंकिंग में सुधार के लिए कोई कदम उठाया है।
गौरतलब है कि विदेश मंत्रालय ने बुधवार को राज्यसभा सचिवालय को लिखे एक पत्र में कहा कि इसी सवाल को पिछले साल जुलाई में मानसून सत्र के दौरान कानून और न्याय मंत्रालय ने खारिज कर दिया था।
सवाल खारिज करने को लिखा पत्र: जानकारी के मुताबिक विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसने कानून और न्याय मंत्रालय से इस मुद्दे को स्वीकार करने का अनुरोध किया था। हालांकि, उन्होंने सवाल को स्वीकार करते हुए इसे खारिज करने के लिए सचिवालय को पत्र लिखा।
गौरतलब है कि पिछले साल 15 जुलाई को कानून मंत्रालय की ओर से राज्यसभा सचिवालय को लिखे एक पत्र लिखा गया था। जिसमें इसी प्रश्न को संवेदनशील बताते हुए इसे खारिज कर दिया गया था।
कानून मंत्रालय ने यह भी कहा कि रैंकिंग पर ईआईयू की कार्यप्रणाली मंत्रालय के साथ साझा नहीं की गई थी। गौरतलब है कि यह रैंकिंग सरकारी एजेंसियों से परामर्श किए बिना तय की गई थी।
दरअसल राज्य सभा के नियमों के अनुसार, राज्य सभा में प्रश्नों के संबंध में सदस्यों द्वारा दी गई सूचना की स्वीकार्यता राज्य सभा की प्रक्रिया और आचरण के नियम 47-50 द्वारा शासित होती है।