संसद में आज तृणमूल कांग्रेस और भाजपा सदस्यों ने एक दूसरे पर निशाना साधा। तृणमूल सदस्यों ने दोनों सदनों में सहारा प्रमुख की कथित डायरी मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग करते हुए इसमें भाजपा के एक प्रमुख नेता का नाम होने का दावा किया। इस विषय पर तानातनी और वॉकआउट का दृश्य भी देखने को मिला।
संसद के दोनों सदनों में तृणमूल कांग्रेस सदस्यों ने सहारा प्रमुख की कथित तौर पर प्राप्त डायरी का जिक्र करते हुए इसमें भाजपा के एक नेता का नाम होने का दावा किया। लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस बारे में जवाब मांगा और इस मुद्दे को लेकर सदन में प्रश्नकाल के दौरान वॉकआउट किया।
अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि सुदीप बंदोपाध्याय ने प्रश्नकाल स्थगित करने का नोटिस दिया है लेकिन नियम में इस तरह से प्रश्नकाल स्थगित करने का कोई विधान नहीं है। इसलिए प्रश्नकाल रद्द नहीं होगा।
बाद में शून्यकाल में भाजपा सदस्य किरीट सोमैय्या ने तृणमूल सदस्यों पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस सरकार सरदा चिटफंड घोटाले में सीबीआई जांच में बाधा डाल रही है जिसमें कथित तौर पर उसके एक दर्जन नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं।
इसका तृणमूल सदस्यों ने विरोध किया हालांकि सोमैय्या ने अपनी बात रखते हुए कहा कि चिटफंड योजना के जरिये 3.5 लोख छोटे निवेशकों को ठगा गया। उन्होंने कहा, ‘‘ राज्य सरकार सीबीआई के साथ जांच में सहयोग नहीं कर रही है।’’
शोरगुल जारी रहने पर अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही समय से पूर्व भोजनावकाश के लिए स्थगित कर दी।
राज्यसभा में तृणमूल सदस्य डेरेक ओब्रायन ने शून्यकाल और प्रश्नकाल में इस विषय को उठाने का प्रयास किया। उन्होंने प्रश्नकान स्थगित करने का नोटिस दिया था जिसे मंजूर नहीं किया गया।
ओब्रायन ने प्रश्नकाल में इस विषय को उठाने का प्रयास किया लेकिन भाजपा के सदस्यों ने सारदा चिटफंड घोटाले का विषय उठाकर उन्हें बोलने नहीं दिया। बाद में तृणमूल सदस्यों ने राज्यसभा की कार्यवाही का बहिष्कार किया।
इससे पहले लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस सदस्य हाथों में लाल रंग की डायरी लेकर अध्यक्ष के आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। सदस्यों ने नारेबाजी करते हुए कहा कि इस मामले की सीबीआई जांच हो। डायरी में किसका नाम है, इस बारे में प्रधानमंत्री जवाब दें।
बहरहाल, तृणमूल कांग्रेस सदस्यों के शोर शराबे के बीच अध्यक्ष ने प्रश्नकाल जारी रखा। कुछ देर इस विषय को उठाने के बाद तृणमूल सदस्य सदन से वॉकआउट कर गए।