तीस हजारी अदालत में वकीलों और पुलिस के बीच झड़प के कुछ दिनों बाद, एक और वीडियो सामने आया, जिसमें डीसीपी (नॉर्थ) मोनिका भारद्वाज, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और कर्मियों के साथ वकीलों के एक समूह से बचकर परिसर से बाहर भागते हुए दिखाई दे रही है। इस वीडियो में डीसीपी भारद्वाज, पुलिस कर्मियों के साथ शुरुआत में उस स्थान की ओर भागती हैं जहां वकील एकत्र हुए हैं। वीडियो में भारद्वाज के साथ दो और अधिकारी साथ दिखाई दे रहे है, जिनका भीड़ पीछा कर रही है। भीड़ में एक व्यक्ति डीसीपी को मारने का प्रयास करता है लेकिन अधिकारी उसे रोक लेते हैं।।

इस वीडियो को ट्वीट करते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने लिखा, “मैंने एक वीडियो देखा, जिसमें वकील एक महिला पुलिस अधिकारी के साथ बदतमीजी और दुर्व्यवहार कर रहे हैं… उनके साथ गुंडों की तरह व्यवहार कर रहे हैं। मैं इसकी कड़ी निंदा करती हूं। मैं ‘suo motu’ लेने जा रही हूं, और इसके लिए बार काउंसिल और CP दिल्ली को पत्र लिखूंगी। ” एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि डीसीपी भारद्वाज आने वाले दिनों में घटना की जांच कर रही एसआईटी के सामने अपना बयान दर्ज कराएंगी।

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पुलिसकर्मियों के पास MP5 सब-मशीन गन थे: बता दे कि एसआईटी की जांच से पता चला है कि दिल्ली सशस्त्र पुलिस की तीसरी बटालियन के पुलिसकर्मियों के पास लोडेड राइफल और MP5 सब-मशीन गन थे। एक ASI द्वारा दो राउंड फायर किए जाने के कुछ मिनटों बाद ही अतिरिक्त डीसीपी हरेंद्र सिंह ने हवालात में जाकर उनके हथियार जमा करा लिए थे।

 डीसीपी हरेंद्र सिंह ने गोली चलाने से रोका : दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक की अध्यक्षता में क्राइम ब्रांच की विशेष जांच टीम ने जांच में पाया है कि ASI को अतिरिक्त डीसीपी हरेंद्र सिंह ने गोली चलाने से रोका था, जिन्होंने गोली चलने की आवाज सुनने के बाद हवालात में प्रवेश कर एएसआई से हथियार ले लिए। एसआईटी ने इसकी पुष्टि लॉकअप में लगे एक सीसीटीवी फुटेज की मदद से की है।

एसीपी राम मेहर सिंह के साथ वकीलों ने मारपीट की:  एसआईटी के सूत्रों ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि डीसीपी सिंह के 3.13 बजे पहुंचने से पहले, एसीपी राम मेहर सिंह को कुछ वकीलों ने लॉकअप में बंद कर दिया था, और अंदर पुलिसकर्मियों के साथ हाथापाई करने लगे। उन्होंने सिंह और उनके साथ आए अन्य अधिकारियों के साथ भी मारपीट की।

दो राउंड फायरिंग की गई: सीसीटीवी फुटेज से पता चलता है कि पुलिसकर्मियों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पहले ‘मिर्च स्प्रे’ का इस्तेमाल किया और फिर एएसआई ने दो राउंड फायर किए। उन्होंने अपने रिवॉल्वर को गेट से ऊंचाई की तरफ निशाना लगाया।  एक गोली एक वकील को लगी और दूसरी ग्रिल के निचले हिस्से में जाकर लगी।

डीसीपी ने लॉकअप के अंदर जाकर माहौल को संभाला: अतिरिक्त डीसीपी सिंह ने कहा कि, “गोलियों की आवाज सुनने पर मुझे शुरू में लगा कि उन्होंने आंसू गैस चलाई होगी, लेकिन वकीलों ने चीखना शुरू कर दिया कि गोली चल गई। इसके बाद मैं लॉकअप में घुसा तो मुझे गेट के पास कुछ कर्मचारी खड़े मिले। वे अपने एसएलआर, एमपी 5 सब-मशीन गन और ग्लॉक पिस्तौल लिए हुए थे। इसका उनके पास ‘कॉकड’ था। वे फायरिंग के लिए तैयार थे, लेकिन मैंने चिल्लाकर उन्हें अंदर धकेल दिया। मैंने सख्ती से कहा कि कोई भी हथियारबंद आदमी लॉकअप गेट के पास  खड़ा भी नहीं होगा। केवल निहत्थे कर्मचारी ही लॉकअप की रक्षा के लिए मेरे पास खड़े होंगे।

पुलिसकर्मी  10-20 राउंड फायर कर सकते थे:  सूत्रों ने बताया कि एसआईटी ने पाया कि वकीलों और पुलिसकर्मियों के बीच बातचीत के तुरंत बाद, एसीपी (3 वीं बटालियन) पिछले गुरुवार को अपने पदभार को संभाल लिया, और लॉक-अप के प्रभारी ने अपना कार्यालयों दिया है। सिंह ने कहा कि पुलिसकर्मी इतने उत्तेजित थे कि वह 10-20 राउंड फायर कर सकते थे। लेकिन मैं अंदर गया और उन्हें शांत किया। सिंह ने कहा कि मानव श्रृखला बनाकर 155 अंडरट्रायल कैदियों को बचाने का निर्देश दिया, जिसमें उन्नाव बलात्कार के आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर भी शामिल था। पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक ने गुरुवार को घायल पुलिस कर्मियों से मुलाकात की।

दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के बाद, विशेष सीपी (कानून और व्यवस्था) उत्तरी संजय सिंह को लाइसेंसिंग और परिवहन विभाग में स्थानांतरित किया गया है और अतिरिक्त डीसीपी (उत्तर) हरेंद्र कुमार सिंह को डीसीपी, रेलवे नियुक्त किया गया है।