​तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर बालाजी मंदिर के प्रसाद (लड्डू) में जानवर की चर्बी के इस्तेमाल से जुड़ी जानकारी पर बवाल जारी है। यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है। तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के पूर्व अध्यक्ष वाईवी सुब्बा रेड्डी ने मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज की अध्यक्षता में स्वतंत्र समिति के गठन के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इससे पहले बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने भी सर्वोच्च अदालत का रुख किया है और जनहित याचिका दायर कर मांग की है कि मामले की जांच हाई-लेवल पर हो।

अदालत से की जा रही मांग

विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने भी सुप्रीम कोर्ट से तिरुपति के लड्डुओं में मिलावट के आरोपों का स्वत: संज्ञान लेने और दोषियों का पता लगाने के लिए जांच शुरू करने की सोमवार को अपील की है। विहिप के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की तिरुपति में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया।

पीटीआई के मुताबिक आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने हाल में आरोप लगाया था कि राज्य में पूर्ववर्ती युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) की सरकार ने श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर को भी नहीं बख्शा तथा अपने विशिष्ट स्वाद के लिए प्रसिद्ध तिरुपति लड्डुओं को बनाने के लिए घटिया सामग्री और पशु चर्बी का इस्तेमाल किया।

विहिप ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘सुप्रीम कोर्ट को इस मामले का स्वतः संज्ञान लेना चाहिए तथा एक निश्चित समयावधि में इसकी जांच कर इस अपराध के दोषियों की पहचान करनी चाहिए तथा उन्हें कड़ी सजा देनी चाहिए।’’ विहिप के मुताबिक तिरुपति के लड्डुओं को लेकर पिछले चार-पांच दिन में दक्षिणी राज्य में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और विपक्षी वाईएसआरसीपी द्वारा एक दूसरे आरोपों-प्रत्यारोपों जारी हैं।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इस मामले पर चिंता जताते हुए कहा था,”तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर मंदिर में प्रसाद को अपवित्र करने की खबरें परेशान करने वाली हैं। भगवान बालाजी भारत और दुनिया भर में लाखों भक्तों के लिए पूजनीय देवता हैं। यह मुद्दा हर भक्त को दुखी करेगा और इस पर गहनता से विचार किए जाने की आवश्यकता है। भारत भर के अधिकारियों को हमारे धार्मिक स्थलों की पवित्रता की रक्षा करनी होगी।”