किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि अमूल जैसा मॉडल कैसे अख्तियार किया जा सकता है। उसमें अरबों रुपए का निवेश हुआ है। अभी तो इतनी भी हैसियत नहीं रही कि किसान माल खेत से मंडी तक लेकर जा सके। उन्होंने कहा कि सहकारिता तो यूपी में बनी थी, लेकिन सारी चीजें राजनीति की भेंट चढ़ गईं। सरकार को इस मसले पर एक कानून बनाना चाहिए, तभी चीजें सुगम होंगी।

टिकैत ने बंगाल में बीजेपी के खिलाफ चुनाव प्रचार करने पर कहा कि लड़ाई में लड्डू नहीं बंटते हैं। अगर मोदी सरकार उनकी बात नहीं सुनती तो वह भी अपने तरीके से बीजेपी को उसकी जगह दिखाने का काम करेंगे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि बंगाल के किसान उनके आंदोलन की वजह से इस वजह से नहीं जुड़ सके, क्योंकि ट्रेन नहीं चल रही हैं। उन्होंने माना कि बंगाल के किसान भी ममता सरकार से खुश नहीं है। लेकिन थोड़ी बहुत नाराजगी तो हर जगह होती है।

किसान नेता ने कहा कि बंगाल सरकार प्रति एकड़ किसानों को 6 हजार रुपए की एक मुश्त सहायता दे रही है। जबकि बीजेपी प्रति किसान साल में छह हजार रुपए सालाना देती है। उनका कहना था कि आंदोलन का किसी पार्टी से सरोकार नहीं है। वह सभी राज्यों में घूमकर किसानों को अपने आंदोलन में शामिल होने की अपील करेंगे। उन्हें बताएंगे कि सरकारें किस तरह से उनका शोषण कर रही हैं।

केंद्र से बातचीत ठप होने के सवाल पर टिकैत ने कहा कि इसमें किसान नेता क्या कर सकते हैं। मोदी सरकार अगर बात नहीं करना चाहती तो किसान आंदोलन से पीछे तो नहीं हटेगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार निजी कंपनियों की सरकार है। इसी वजह से कानून बनने से पहले ही देश भर में गोदाम बन गए। सरकार भूख का व्यापार करना चाहती है। एक उदाहरण देकर उन्होंने कहा कि कंपनी भूखे को रोटी नहीं देगी, चाहें उसे खाना डस्टबिन में फेंकना पड़े। उनका कहना था कि जनता को यह पता होना चाहिए कि अनाज का अधिकतम दाम कितना है।

टिकैत ने कहा कि आंदोलन लंबा चलेगा। नवंबर-दिसंबर में सरकार से बात होने की उम्मीद है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि तीन साल में मंडियां खत्म हो जाएंगी। ये लोग अनाज का भंडार करके बाद में महंगे दामों पर बेचेंगे। टिकैत ने कहा कि कहीं पर भी फसल बेचने का कानून ठीक है। वह खुद भी संसद के बाहर जाकर अपना अनाज बेचेंगे। उनका कहना था कि मध्य प्रदेश से व्यापारी 200 करोड़ रुपए लेकर भाग गए। सरकार ने क्या कार्रवाई की। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के चुनाव क्षेत्र से ही व्यापारी 56 लाख रुपए लेकर भाग गया।