NIA की स्पेशल कोर्ट ने 2010 में एक कॉलेज के प्रोफेसर का हाथ काटे जाने के सनसनीखेज मामले में दोषी ठहराये गए छह लोगों में से तीन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इडुक्की जिले के थोडुपुझा में न्यूमैन कॉलेज के प्रोफेसर टीजे जोसेफ का दाहिना हाथ 2010 में प्रतिबंधित इस्लामिक संगठन PFI से जुड़े लोगों ने काट दिया था।

विशेष एनआईए अदालत के जज अनिल के भास्कर ने बुधवार को छह लोगों में से तीन साजिल, नासर और नजीब को दोषी ठहराया था। आज इन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई। सुनवाई के पहले चरण में 10 लोगों को यूएपीए के साथ-साथ विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और आईपीसी के तहत दोषी करार दिया गया था। इसके अलावा अदालत ने तीन अन्य को आरोपियों को शरण देने के लिए भी दोषी करार दिया था।

अदालत ने तीन को दोषी ठहराते हुए कहा था कि दूसरा आरोपी साजिल हमले में शामिल था। जबकि तीसरा आरोपी नासर मामले में मुख्य साजिशकर्ता है। पांचवे आरोपी नजीब ने इस आतंकी साजिश को रचा था। लेकिन वो इसमें शामिल नहीं हुआ।

चर्च से रविवार की प्रार्थना के बाद घर लौट रहे थे प्रोफेसर

यह हमला उस वक्त किया गया था जब प्रोफेसर अपने परिवार के साथ एर्नाकुलम जिले के मूवाट्टुपुझा स्थित एक चर्च से रविवार की प्रार्थना के बाद घर लौट रहे थे। सात लोगों के समूह ने प्रोफेसर जोसेफ का वाहन रोका। उन्हें बाहर खींचा और उनके साथ मारपीट कर उनका दाहिना हाथ काट दिया। घटना का मुख्य आरोपी सवाद अभी भी फरार है।

बीकॉम की सेमेस्टर परीक्षा के लिए बनाए गए प्रश्न पत्र को लेकर थे नाराज

पुलिस के मुताबिक आरोपी प्रोफेसर की जान लेना चाहते थे। न्यूमैन कॉलेज में बीकॉम की सेमेस्टर परीक्षा के लिए बनाए गए प्रश्न पत्र में अपमानजनक धार्मिक टिप्पणियां की गई थीं। यह प्रश्न पत्र जोसेफ ने तैयार किया था। उनका मानना था कि जोसेफ ने ये सब जानबूझकर किया।