ओडिशा के बालासोर में ट्रेन दुर्घटना में 288 लोगों की मौत हो गई और 600 से अधिक लोग घायल हुए है। वहीं इस दुर्घटना के बाद भारत में अब रेल की सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। भारत के CAG की एक ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार 2017-18 और 2020-21 के बीच देश भर में 217 ऐसी रेल दुर्घटनाएं हुईं, जिसमे जानमाल (Consequential Train Accidents) का नुकसान हुआ हो। लेकिन इसमें से हर चार में से लगभग तीन दुर्घटना ट्रेन के पटरी से उतरने के कारण हुईं। CAG की ये रिपोर्ट दिसंबर 2022 में संसद में पेश की गई थी। यह दर्शाती है कि ट्रेन के पटरी से उतरने का मुख्य कारण ‘पटरियों के रखरखाव’ से संबंधित था।
2017 के बाद मार्च 2021 तक कुल 2017 रेल दुर्घटना हुई, जिसमें 1392 घटनाएं ट्रेन के पटरी से उतरने के कारण हुई। CAG ने कहा कि ट्रैक नवीनीकरण कार्यों के लिए धन के आवंटन में वर्षों से गिरावट आई है और यहां तक कि इन फंड्स का पूरी तरह से उपयोग नहीं किया गया था। रिपोर्ट से पता चलता है कि 217 ट्रेन दुर्घटनाओं में से 163 पटरी से उतरने के कारण हुईं। इसके बाद ट्रेनों में आग लगने (20), मानव रहित लेवल-क्रॉसिंग पर दुर्घटनाएं (13), टक्कर (11), मानवयुक्त लेवल क्रॉसिंग पर दुर्घटनाएं (8) और अन्य (2) दुर्घटनाएं हुईं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि रेलवे बोर्ड ट्रेन दुर्घटनाओं को दो श्रेणियों में वर्गीकृत करता है, जिनमे Consequential Train Accidents’ and ‘Other Train Accidents’ शामिल है। गंभीर रेल दुर्घटनाओं में शामिल हैं: (A) मानव जीवन की हानि, (B) मानव चोट, (C) रेलवे संपत्ति की हानि और (D) रेलवे में ट्रैफ़िक रुकावट। 2017 के बाद मार्च 2021 तक कुल 2017 रेल दुर्घटना (217 Consequential Train Accidents & 1800 Other Train Accidents) हुई, जिसमें 1392 घटनाएं ट्रेन के पटरी से उतरने के कारण हुई।
CAG की रिपोर्ट के मुताबिक 2017 से 2021 के बीच 1129 ऐसी रेल घटनाएं हुई, जिसमें ट्रेन पटरी से उतर गई। इन घटनाओं में रेलवे को करीब 35 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। सीएजी की रिपोर्ट के मुताबिक ट्रैक के नवीनीकरण कार्यों के लिए 2018-19 में 9607.65 करोड़ रुपए का धन आवंटित किया गया। लेकिन 2019-20 में घटकर 7417 करोड़ रुपए हो गया। इस धनराशि का पूरा उपयोग भी नहीं हुआ है। जबकि सीएजी की रिपोर्ट बताती है कि 1129 ट्रेन डिरेलमेंट की घटनाओं में से 289 डिरेलमेंट ट्रैक के नवीनीकरण से जुड़े थे।
ऑडिट में 16 क्षेत्रीय रेलों पर चयनित 1129 मामलों/दुर्घटनाओं में पटरी से उतरने के लिए जिम्मेदार 23 कारण का भी पता चला। 23 कारणों में से पटरी से उतरने के लिए जिम्मेदार प्रमुख कारण ‘ट्रैक के रखरखाव’ (167 मामले) से संबंधित था। इसके बाद 149 मामले ट्रैक के सही न होने और फिर 144 मामले खराब ड्राइविंग/ओवर स्पीडिंग के मामले थे।”