Bill and Melinda Gates Foundation, PM Narendra Modi: तीन नोबेल पुरस्कार विजेता मैरीड मेग्योर, तव्वकोल अब्देल सलाम करमान और शिरीन इबिदी ने बिल ऐंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन को चिट्ठी लिखकर उनके द्वारा पीएम मोदी को अवॉर्ड दिए जाने का विरोध किया है। द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इन विद्वानों ने अपनी चिट्ठी में आरोप लगाया है कि मोदी के नेतृत्व में ”भारत एक बेहद खतरनाक और घातक अराजक माहौल में फंस गया है, जिसकी वजह से मानवाधिकार और लोकतंत्र को नुकसान पहुंचा है।”
बता दें कि मेग्योर उत्तरी आयरलैंड की एक शांति समर्थक कार्यकर्ता हैं। तव्वकोल यमन की पत्रकार और राजनेता हैं जबकि शिरीन एक ईरानी वकील और राजनीतिक कार्यकर्ता हैं। फाउंडेशन को भेजी गई चिट्ठी पर इन तीनों के ही हस्ताक्षर हैं। नोबेल पुरस्कार विजेताओं ने लिखा है कि वे ”यह जानकार बेहद दुखी हैं कि बिल ऐंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन इस महीने के अंत में भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी को एक अवॉर्ड देने जा रहा है।” विद्वानों के मुताबिक, ”इस कदम से उन्हें परेशानी हुई है क्योंकि फाउंडेशन का मकसद जिंदगियों का संरक्षण और असमानता से लड़ना है।”
चिट्ठी में अल्पसंख्यकों पर हमलों का जिक्र है और आरोप लगाया गया है कि 2014 में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद संगठित भीड़ द्वारा हिंसक घटनाओं को अंजाम देने की वजह से कानून व्यवस्था का राज कमतर हुआ है। विद्वानों के मुताबिक, कश्मीर घाटी की हालत बेहद चिंताजनक है। उनके मुताबिक, मानवाधिकारों के उल्लंघन की वजह से कश्मीर में छोटे क्लासेज से लेकर कॉलेज में पढ़ने वाले बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे। उन्होंने असम में नैशनल रजिस्टर्स ऑफ सिटिजंस का भी जिक्र किया है। आरोप लगाया गया कि इस प्रक्रिया में 19 लाख भारतीयों से उनकी नागरिकता छीन ली गई।
चिट्ठी में विद्वानों ने कहा कि वे बिल ऐंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन द्वारा दुनिया भर में किए गए चैरिटी कार्यों की सराहना करते हैं, जिसके तहत लोगों की जिंदगी बेहतर करने का प्रयास किया जा रहा है। विद्वानों ने यह भी कहा कि वे महात्मा गांधी का बेहद आदर करते हैं, जिन्होंने सम्मान, सहिष्णुता और समानता की बुनियाद पर राष्ट्र निर्माण का सपना देखा था। विद्वानों ने कश्मीर के वर्तमान हालात पर सवाल खड़े किए हैं।
बता दें कि इससे पहले, दक्षिण एशियाई लोगों के एक ग्रुप ने भी गेट्स फाउंडेशन को चिट्ठी लिखकर पीएम मोदी को यह सम्मान ना देने की अपील की थी। इन का कहना था कि पीएम नरेंद्र मोदी को सम्मान देना बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के सिद्धांतों के खिलाफ है। आरोप लगाया गया कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत में अल्पसंख्यकों के साथ हिंसा और भेदभाव हो रहा है।