Tax evasion From Chinese Mobile Companies: भारत में चीनी मोबाइल बनाने वाली कंपनियों के लिए ये समय किसी तूफान से कम नहीं है। भारत की नरेंद्र मोदी सरकार तीन प्रमुख चीनी मोबाइल कंपनियों जिनमें ओप्पो, वीवो इंडिया और श्याओमी पर टैक्स चोरी के मामलों की जांच कर रही है। इन तीनों कंपनियों को नोटिस भी जारी किए गए हैं। भारत सरकार ने इन कंपनियों के खिलाफ दर्ज मामलों में आयकर चोरी और सीमा शुल्क उल्लंघन से लेकर धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग तक के आरोप लगाए हैं।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को राज्यसभा में बताया था, ‘चीन की 3 मोबाइल फोन कंपनियों की ओर से कथित तौर पर कर चोरी मामलों की जांच कर रही है।’ उन्होंने आगे बताया कि राजस्व आसूचना विभाग (डीआरआई) ने मोबाइल फोन कंपनी ओप्पो को कुल 4,389 करोड़ रुपये के सीमा शुल्क के लिए नोटिस जारी किया है। उन्होंने कहा कि एक अनुमान के अनुसार ये कंपनिया लगभग 2,981 करोड़ रुपये के टैक्स की बहानेबाजी कर रही हैं।
ED ने पिछले महीने 40 सालों से ज्यादा जगहों पर की थी छापेमारी
ईडी ने चीनी स्मार्टफोन निर्माता वीवो के खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले के संबंध में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और कुछ दक्षिणी राज्यों सहित 40 से अधिक स्थानों पर कथित तौर पर तलाशी ली थी। इससे पहले जुलाई में ईडी ने कथित तौर पर वीवो के भारत से जुड़े लगभग 119 बैंक खातों को अवरुद्ध कर दिया था, जिसमें कथित मनी-लॉन्ड्रिंग की जांच के तहत कई सौ करोड़ रुपये थे जिसे प्रवर्तन एजेंसी ने जघन्य आर्थिक अपराध करार दिया था।
दिल्ली High Court ने मांगी थी 950 करोड़ रुपये की Bank Guaranty
इसके जवाब में मोबाइल कंपनी ने अपने बैंक खाते को संचालित करने की अनुमति के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया था जिस पर न्यायालय ने कंपनी को 950 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी प्रस्तुत करने के अधीन बैंक खातों को संचालित करने की अनुमति दी थी। अभी हाल में राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने बुधवार को फिर से कहा कि उसने विवो मोबाइल इंडिया द्वारा लगभग 2,217 करोड़ रुपये की सीमा शुल्क चोरी का पता लगाया है।
चीनी विदेश मंत्रालय को भारतीय विदेश मंत्रालय ने दिया जवाब
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “हमें उम्मीद है कि भारतीय अधिकारी कानूनों का पालन करेंगे क्योंकि वे जांच और प्रवर्तन गतिविधियों को अंजाम देते हैं और भारत में निवेश और संचालन करने वाली चीनी कंपनियों के लिए वास्तव में निष्पक्ष, न्यायसंगत और गैर-भेदभावपूर्ण कारोबारी माहौल प्रदान करते हैं।” वहीं इस पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के ने कहा, “यहां काम करने वाली कंपनियों को देश के कानून का पालन करने की जरूरत है और उनका मानना है कि अधिकारी कानून के अनुसार कदम उठा रहे हैं।”