Parliament Monsoon Session: बिहार में चल रहे वोटर लिस्ट रिवीजन के खिलाफ विपक्ष का विरोध प्रदर्शन जारी है। गुरुवार को संसद भवन के गेट पर विपक्षी नेताओं ने इसे लोकतंत्र पर वार बताकर विरोध प्रदर्शन किया। हालांकि, इस दौरान विपक्षी दलों के नेताओं ने जो बैनर ले रखा था उसमें लोकतंत्र शब्द ही गलत लिखा गया था। इस पर भारतीय जनता पार्टी ने विपक्ष को आड़े हाथों लिया है।

भारतीय जनता पार्टी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया है। इसमें विपक्षी पार्टियों के सांसद हाथों में पोस्टर और बैनर लिए हुए हैं। लेकिन इसमें लोकतंत्र ही गलत तरीके से लिखा हुआ है। इस पर तंज कसते हुए पार्टी ने कहा, ‘जिन्हें लोकतंत्र सही से लिखना तक नहीं आता है वो लोकतंत्र का पाठ पढ़ाने निकले हैं।’

बीजेपी ने कसा तंज

इस गलती को बीजेपी आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय ने भी शेयर किया है। उन्होंने कहा, ‘यह लोकतंत्र है, न कि लोकतंत् र।’ बीजेपी के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने तंज कसते हुए कहा, ‘कांग्रेस को दोष नहीं दिया जा सकता। वे न तो लोकतंत्र को लिख सकते हैं और न ही बचा सकते हैं। वे परिवार तंत्र और आपातकाल में विश्वास करते हैं। निश्चित रूप से वे इसे लिख और बचा सकते हैं।’

आधार, वोटर ID और राशन कार्ड को शामिल करने से चुनाव आयोग का इनकार

सोनिया गांधी समेत विपक्षी सांसदों ने किया प्रदर्शन

बता दें कि बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन के मुद्दे पर कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, झारखंड मुक्ति मोर्चा सांसद महुआ माजी, लोकसभा में विपक्ष के उपनेता गौरव गोगोई, शिवसेना यूबीटी सांसद प्रियंका चतुर्वेदी, राष्ट्रीय जनता दल सांसद मनोज झा समेत विपक्षी दलों के नेताओं ने संसद के मकर द्वार पर प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन के दौरान सांसदों ने चुनाव आयोग की कार्रवाई के खिलाफ नारे लगाए और एक बड़ा बैनर पकड़े हुए थे जिस पर लिखा था। ‘SIR लोकतंत् र पर वार।’ विपक्ष ने आरोप लगाया है कि वोटर लिस्ट रिवीजन का दुरुपयोग वोटों को दबाने और आबादी के कुछ वर्गों को मताधिकार से वंचित करने के लिए किया जा रहा है। वहीं चुनाव आयोग का कहना है कि एसआईआर का मकसद वोटर लिस्ट को साफ सुथरा बनाना है। साथ ही यह तय किया जा सके कि इसमें पात्र लोगों को शामिल किया जा सके। वोटर लिस्ट रिवीजन को लेकर NDA के भीतर कंफ्यूजन