भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई की बहन कीर्ति गवई ने अपने भाई पर जूता फेंकने की कोशिश पर प्रतिक्रिया दी है और कहा कि यह हमला व्यक्तिगत नहीं, बल्कि भारत के संविधान पर हमला था। सोमवार को सीजेआई गवई पर जूता फेंकने की कोशिश करने वाले वकील राकेश किशोर ने कहा कि वह जेल जाने को तैयार हैं, लेकिन उन्होंने अपने कृत्य के लिए माफी मांगने से इनकार कर दिया।

एक वीडियो मैसेज में सीजेआई की बहन कीर्ति गवई ने कहा, “जो सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बीआर गवई पर हमला हुआ है। ये जो हमला हुआ वो व्यक्तिगत लेवल पर नहीं है। ये हमला हमारे संविधान पर हमला है। हमारा संविधान सबसे श्रेष्ठ है और हमारा ये कर्तव्य बनता है कि हम हमारे संविधान को सुरक्षित रखें। हमें अपने संविधान की रक्षा न केवल अपने लिए, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी करनी होगी। हमें उन को एक सुरक्षित भारत देना है। मैं बस आप सबसे बहुत विनती करती हूं और आपसे प्रार्थना करती हूं कि जो भी हम आवाज उठाएंगे या जो भी हम काम करेंगे। वह हम संविधान के ढांचे के भीतर करें जो बाबा साहेब ने हमें दिया है।”

सीजेआई गवई की मां ने भी हमले की निंदा

वहीं मुख्य न्यायाधीश गवई की मां ने कहा, “मैं सीजेआई पर फेंके गए जूते की निंदा करती हूं। भारतीय संविधान सभी को समान अधिकार देता है, लेकिन कुछ लोग कानून को अपने हाथ में लेकर ऐसा व्यवहार कर रहे हैं जो भारत के प्रति अपमानजनक है और देश में अराजकता फैला सकता है।”

बता दें कि सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में राकेश किशोर नाम के एक वकील ने सीजेआई पर हमला करने की कोशिश की। सुबह के सत्र के दौरान शख्स ने मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर जूता फेंकने की कोशिश की। राकेश किशोर को सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत कोर्ट रूम से बाहर निकाल दिया है। बाद में बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने एक्शन लेते हुए राकेश किशोर का लाइसेंस रद्द कर दिया।

कोई अफसोस नहीं- राकेश किशोर

राकेश किशोर ने कहा, “आपको उस याचिकाकर्ता को राहत नहीं देनी थी तो मत दीजिए। मगर उसका मजाक भी मत उड़ाइए, आपने कहा कि आप उसी मूर्ति के सामने जाकर प्रार्थना करें। अन्याय ये किया कि उसकी याचिका को खारिज भी कर दिया, तो इन सभी चीजों से लेकर मैं बहुत ज्यादा आहत था। वैसे में हिंसा के बहुत ज्यादा खिलाफ हूं। आप लोग ये भी देखिए कि एक अहिंसक आदमी और सीधा सच्चा आदमी, जिसके ऊपर कोई भी केस नहीं है। उसको ये सब क्यों करना पड़ा ये जरूर सोचने वाली बात है। पूरे देश को ये चिंतन करने वाली बात है। मैं भी कोई कम पढ़ा लिखा नहीं हूं और गोल्ड मेडलिस्ट हूं। ऐसा नहीं है कि मैं कोई नशे में था और मैंने कोई गोलियां खा रखी थीं। उन्होंने एक्शन किया और ये मेरा रिएक्शन था। ना ही मुझे कोई अफसोस है कि क्या हुआ और क्या नहीं।”

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