राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोवाल ने शुक्रवार को कहा कि मौजूदा दौर में युद्ध काफी खर्चीले और अनिश्चित हो गए हैं। फिलहाल राष्ट्र विरोधियों के लिए सिविल सोसायटी एक सॉफ्ट टारगेट बन गया है। इसके जरिए किसी भी राष्ट्र में तोड़फोड़ करके वहां पर विघटन फैलाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि लोगों को गलत तथा प्रायोजित प्रचार से बचाना भी सूचना क्रांति के दौर में बेहद महत्वपूर्ण बन गया है। इन सभी चुनौतियों पर नजर रखना मौजूदा दौर की बड़ी जरूरत है।

प्रशिक्षु आईपीएस अधिकारियों के 73वें बैच की पासिंग आउट परेड को लेकर हैदराबाद स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया। इस मौके पर एनएसए अजीत डोवाल मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए। डोवाल ने परेड का निरीक्षण कर उन्हें संबोधित भी किया। 73वें बैच की पासिंग आउट परेड में 149 आईपीएस प्रशिक्षुओं ने भाग लिया था। इनमें 31 महिला अधिकारी हैं जबकि इस परेड में 17 विदेशी प्रशिक्षु अधिकारी नेपाल, भूटान और मालदीव पुलिस सेवा से भी शामिल हुए।

ध्यान रहे कि अजीत डोवाल खुद भी 52 साल पहले नेशनल पुलिस अकाडमी से पास आउट हुए थे। पंजाब काडर की दर्पण आहलूवालिया को बेहतरीन प्रदर्शन और परेड का नेतृत्व करने के लिए केएस व्यास ट्राफी से नवाजा गया। यह लगातार तीसरी बार है जब महिला अधिकारी दर्पण अहलूवालिया ने परेड कमांडर के रूप में परेड का नेतृत्व किया। प्रशिक्षण में सर्वश्रेष्ठ प्रतिभा दिखाने वालों को पुरस्कार प्रदान किए गए।

डोवाल ने कहा कि लोकतंत्र की रक्षा आपकी क्षमता, समर्पण, आचरण और व्यवहार पर निर्भर करती है। युवा आईपीएस अधिकारी शांति के लिए ही नहीं बल्कि 130 करोड़ लोगों के कानूनों की रक्षा के लिए जिम्मेदार होने जा रहे हैं। आप पर देश के क्षेत्र की रक्षा की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र केवल मतपेटी में रहने के लिए नहीं है। यह लोगों द्वारा बनाए गए कानूनों के लिए है। उन कानूनों की रक्षा करने की जिम्मेदारी आप पर है। यह लोगों के लिए सुलभ बनाने और उन्हें लागू करने के बारे में है। डोभाल ने कहा कि यदि कानूनों को संरक्षित या लागू नहीं किया जाता है, तो उनका उद्देश्य पूरा नहीं होता।

डोवाल ने कहा कि युद्ध के नए क्षेत्र, क्षेत्रीय सीमाओं से नागरिक समाज में चले गये हैं। लोगों का स्वास्थ्य, उनके कल्याण एवं सुरक्षा की भावना और सरकार को लेकर उनकी धारणा जैसे कारकों का महत्व बढ़ गया है। ये सभी कारक राष्ट्र की इच्छा को प्रभावित करते हैं। डोवाल ने कहा कि यह नए तरह के खतरे बड़े पैमाने पर बहु-स्तरीय खतरे उत्पन्न करते हैं। प्रत्येक व्यक्ति के जीवन की रक्षा करना, चिकित्सकीय सुविधा प्रदान करना, लोगों का साथ देना, खाद्य एवं आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करना और कानून-व्यवस्था बनाए रखना अहम है।