लगातार तेल के दामों में वृद्धि हो रही है और इसी बीच 1 अप्रैल से महंगाई का एक और झटका लगने वाला है। दरअसल 1 अप्रैल से कुछ जरूरी दवाओं के दामों में वृद्धि होगी। राष्ट्रीय ड्रग प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPA) ने दवाइयों की कीमतों में 10.7 फ़ीसदी की बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है। ड्रग प्राइसिंग अथॉरिटी के इस फैसले के बाद जरूरी दवाइयों के दामों में 1 अप्रैल से वृद्धि देखी जा सकती है, जिसका असर आम आदमी की जेब पर पड़ेगा।
लाइव मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार ऐसी दवाइयां जो नेशनल एसेंशियल लिस्ट ऑफ मेडिसिंस (NELM) में शामिल है उनके दामों में वृद्धि देखी जाएगी। इनमें एंटीबायोटिक्स, एंटी इन्फ्लेमेटरी ड्रग्स, नाक,कान और गले की दवाइयां, एंटीसेप्टिक्स, दर्द निवारक, गैस की दवाई और एंटी फंगल दवाई शामिल है। NPPA ने एक सूचना लिस्ट जारी करते हुए कहा कि, “यह औषधि मूल्य नियंत्रण आदेश, 2013 के प्रावधानों के अनुसार आगे की कार्रवाई के लिए सभी संबंधितों के ध्यान में लाया जाता है।”
एनपीपीए कार्यालय ज्ञापन के अनुसार सूचनाथीकि, “आर्थिक सलाहकार के कार्यालय, उद्योग और आंतरिक व्यापार को बढ़ावा देने वाले विभाग, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए गए थोक बिक्री मूल्य सूचकांक (WPI) के आंकड़ों के आधार पर, कैलेंडर वर्ष 2021 के दौरान WPI में वार्षिक परिवर्तन 10.76607% होता है।” फार्मास्युटिकल उद्योग ने सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि संबंधित दवाइयों के दामों में 10% की बढ़ोतरी कई वर्षों बाद हो रही है।
1 अप्रैल से जब दवाइयों की नई कीमत जारी हो जाएंगी तो बुखार, इंफेक्शन, हृदय रोग, हार्ड ब्लड प्रेशर, त्वचा रोग और एनीमिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाइयों के दाम बढ़ जाएंगे ,जिससे इलाज का खर्च भी बढ़ जाएगा। पेरासिटामोल, एजीथ्रोमाइसेन, सिप्रोफ्लोक्सासिन हाइड्रोक्लोराइड जैसे दवाइयों के दामों में भी बढ़ोतरी देखी जाएगी।
आपको बता दें कि 1 अप्रैल से स्मार्टफोन के दामों में कमी देखी जा सकती है क्योंकि सरकार ने बजट में 5 से 12.5 फ़ीसदी तक कस्टम ड्यूटी में रियायत दी थी। साथ ही स्मार्ट वॉच और बैंड के भी सस्ते होने की संभावना है। जबकि वायरलेस ईयर बड और नेक बैंड हेडफोन के दामों में बढ़ोतरी देखी जा सकती है क्योंकि इनके पार्ट्स पर इंपोर्ट ड्यूटी को बढ़ा दिया गया था।