हेट स्पीच के एक मामले में एडवोकेट ने सुप्रीम कोर्ट में जाकर गुहार लगाई की उनकी याचिका को जल्द से जल्द सुना जाए। जस्टिस ने उनसे पूछा कि आखिर ऐसी क्या वजह है जो याचिका तुरंत सुनी जाए। वकील ने जो कारण बताया उसके बाद जस्टिस तुरंत सुनवाई के लिए तैयार हो गए।
दरअसल, एडवोकेट हुजेफा अहमदी ने सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस केएम जोसेफ को बताया कि उनके मुवक्किल को कुछ लोग तंग कर रहे हैं। ये मामला हेट स्पीच का है। उनका कहना था कि पुलिस के पास हम गए लेकिन पुलिस कोई एक्शन नहीं ले रही है। जस्टिस जोसेफ ने उसके बाद कहा कि अगले शुक्रवार को ये मामला लिस्ट किया जाए। हम देखेंगे कि पुलिस इस तरह के मामलों में कैसे मूक दर्शक बनी रहती है।
हेट स्पीच पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकारों को नपुंसक तक कहा था
ध्यान रहे कि सुप्रीम कोर्ट में कुछ दिन पहले ही हेट स्पीच के मामले में तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि सरकारें नपुंसक हो गई हैं। जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की बेंच ने हेट स्पीच के मामले में कहा कि रोजाना नफरत फैलाने वाले बयान दिए जा रहे हैं। सरकारें ऐसे लोगों पर एक्शन क्यों नहीं लेतीं। बेंच का कहना था कि जिस दिन राजनीति और धर्म अलग हो जाएंगे हेट स्पीच रुक जाएगी।
जस्टिस बीवी नागरत्ना ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और अटल बिहारी वाजपेयी का जिक्र करते हुए कहा था कि उनको याद कीजिए। ऐसे नेताओं को सुनने के लिए लोग दूर-दूर से लोग इकट्ठा होते थे। लेकिन आज के नेता सिर्फ नफरत फैलाने वाले भाषण देते हैं। जस्टिस नागरत्ना ने कहा था कि हेट स्पीच को लेकर दिए आदेश के हर उल्लंघन पर सुप्रीम कोर्ट ध्यान नहीं दे सकता है। अगर हर छोटी अवमानना की याचिका पर सुनवाई होने लगे तो सुप्रीम कोर्ट में ऐसी याचिकाओं का ढेर लग जाएगा। उनका कहना था कि सरकारों को खुद से ऐसी चीजों पर लगाम लगाने के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने सरकारों को हिदायत देकर कहा कि वो एक्शन नहीं लेंगी तो देश का माहौल खराब हो जाएगा।
