ज्ञानवापी मस्जिद विवाद की सुनवाई कोर्ट में जारी ही है लेकिन देश के अन्य हिस्सों में भी विवाद शुरू हो गया है। क़ुतुब मीनार को लेकर कई हिन्दू संगठन दावा कर रहे है कि ये विष्णु स्तम्भ था। वहीं दिल्ली के साकेत कोर्ट में क़ुतुब मीनार को लेकर सुनवाई भी चल रही है। सुनवाई के बाद हिन्दू पक्ष को जीत मिले, इसको लेकर महाराणा प्रताप सेना ने नेताओं ने दिल्ली के एक शिव मंदिर में पूजा अर्चना की।
इस दौरान महाराणा प्रताप सेना के अध्यक्ष ने आज तक समाचार चैनल से बातचीत करते हुए कहा, “क़ुतुब मीनार पर निर्णय आना है तो हम शक्ति प्रदर्शन न करते हुए भक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं। हम महादेव से अर्जी लगाने आये हैं कि बाबा महादेव अपनी कृपा हिन्दुओं पर बनाये। दिल्ली के आखिरी राजा विक्रमादित्य जी उसे बनवाया था और वो विष्णु स्तम्भ था।”
वहीं जब पत्रकार ने पूछा कि इसे कब बनाया गया तो महाराणा प्रताप सेना के अध्यक्ष ने कहा, “इसे शायद 1845 में बनवाया गया था। सरकार इसके बारे में सर्च कर रही है।” वहीं जब पत्रकार ने कहा कि क़ुतुब मीनार का कंस्ट्रक्शन सन 1300 के आसपास पूरा हो गया था और आप कह रहे हैं कि इसे 1845 में बनवाया गया? इसपर जवाब देते हुए महाराणा प्रताप सेना चीफ ने कहा कि सरकार इसकी जांच कर रही है और इसकी खुदाई भी होगी और सब दूध का दूध और पानी का पानी भी हो जायेगा।
महाराणा प्रताप सेना चीफ के बयान पर असदुद्दीन ओवैसी ने ट्विटर पर तंज कसा। उन्होंने तंज कसते हुए ट्वीट कर लिखा कि जैसी राजा, वैसे भक्त। बता दें कि ओवैसी लगातार मस्जिद को लेकर मुखर रहे हैं। इसके पहले ओवैसी ने ज्ञानवापी सर्वे को लेकर वाराणसी कोर्ट के फैसले से असहमति जताई थी और वजूखाने से प्रतिबन्ध हटाने की मांग की थी।
बता दें कि ज्ञानवापी विवाद के बाद ताजमहल, मथुरा, कुतुब मीनार और कुछ अन्य मस्जिदों को लेकर विवाद शुरू हो गया है। कर्नाटक के मेंगलुरु में वीएचपी कार्यकर्ताओं ने बुधवार को मस्जिद में पूजा करने का प्रयास किया लेकिन पुलिस ने कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया।
