Lok Sabha Elections 2024: ‘द केरल स्टोरी’ पिछले साल रिलीज हुई थी और वह काफी विवादित रही थी। अब लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर जब केरल की सियासत गर्म है तो एक बार फिर से फिल्म चर्चा में है। पहले केरल के इडुक्की सूबे में फिल्म का प्रसारण किया गया और अब उसी की तरह कई इलाकों में भी फिल्म प्रसारित की जा रही है। इसको लेकर कहा जा रहा है कि इसके जरिए युवाओं को कथित ‘लव जिहाद’ से आगाह कराने का मकसद है।

फिल्म के प्रसारण का यह फैसला लोकसभा चुनाव से कुछ दिन पहले हुआ है। इसके चलते राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी सत्तारूढ़ सीपीआई (एम) और दूसरे नंबर की पार्टी कांग्रेस इसकी आलोचना कर रहे हैं। इसको लेकर विपक्ष ने फिल्म के प्रसारण पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश देने के लिए चुनाव आयोग से भी संपर्क किया था।

बता दें कि फिल्म में केरल की चार महिलाओं के इस्लाम अपनाने और आईएस में शामिल होने की कहानी दिखाई गई है। फिल्म निर्माताओं का दावा है कि राज्य की हजारों महिलाएं इसकी चपेट में आ चुकी हैं। यह फिल्म मई 2023 में रिलीज हुई थी। फिल्म को कई अदालती सुनवाइयों को भी सामना करना पड़ा था।

मुख्यमंत्री ने की जमकर आलोचना

वहीं इस कदम को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने इसकी तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह फिल्म एक खास एजेंडे के तहत दिखाई जा रही है। राज्य का अपमान करने के लिए अफवाहें फैलाई जा रही हैं। किसी को भी आरएसएस के जाल में नहीं फंसना चाहिए, जो कम्युनिस्टों और अल्पसंख्यकों को अपने दुश्मन के रूप में देखता है। वे ईसाइयों को ख़त्म करना चाहते हैं। हमने इसे मणिपुर में देखा है।

जानकारी के मुताबिक साइरो- मालाबार चर्च ने थालास्सेरी महाधर्म प्रांत और थामारास्सेरी सूबे से जुड़ी केरल कैथोलिक यूथ मूवमेंट (केसीवाईएम) ईकाईयों ने कहा कि वे फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ की स्क्रीनिंग करवाएंगे। यह फिल्म कक्षा 10 से 12 के छात्रों को दिखाई जाएगी। इस कदम को लेकर केसीवाईएम थामारासेरी सूबा के निदेशक फादर जैकब वेल्लाक्कमकुडी ने कहा कि केरल की कई लड़कियों को प्यार में फंसाया गया है और आईएस द्वारा भर्ती किया गया है।

लव जिहाद को लेकर क्या बोले चर्च के फादर

उन्होंने कहा कि फिल्म की स्क्रीनिंग मुसलमानों के खिलाफ नहीं है… हाल के वर्षों में हमने कई महिलाओं को लव जिहाद के जाल से बचाया है। खास बात यह है कि यह वहीं चर्च हैं जो कि अपने स्वयं के आंतरिक प्रशासनिक झगड़े और कथित वित्तीय घोटालों से जूझ रहा है। अब आरएसएस समर्थक सोशल मीडिया समूहों ने हिंदू समूहों से कैथोलिक चर्च से सीख लेने और फिल्म दिखाने का आग्रह किया है।

बता दें कि केरल में 27 प्रतिशत मुस्लिम हैं और 18 प्रतिशत ईसाई है। कुल मिलाकर 45 फिसदी आबादी के चलते सभी राजनीतिक दल फूंक-फूंककर बयान दे रहे हैं। यह आबादी कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन UDF का पारंपरिक वोट बैंक भी मानी जाती है। इसके चलते हीं कांग्रेस इस फिल्म का जमकर विरोध कर रही हैं।