उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश सहित देश के कुछ राज्यों में अवैध मकानों व प्रतिष्ठानों पर बुलडोजर चलाए जाने के बीच मध्य प्रदेश के बैतूल जिले का एक सिविल इंजीनियर अपनी शादी को यादगार बनाने के लिए बारात में पारंपरिक घोड़ी, बग्गी या कार के बजाय बुलडोजर में बैठ कर दुल्हन को लेने मंडप पहुंचा।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह घटना मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल बैतूल जिले के भैंसदेही विकास खंड के अंतर्गत आने वाले झल्लार गांव में मंगलवार को हुई और दूल्हे के साथ उसके परिवार की दो महिलाएं भी बुलडोजर में सवार थीं। उन्होंने बताया कि बारात में फूलों से सजे बुलडोजर में बैठ कर शादी रचाने के लिए मंडप पहुंचने वाले अंकुश जायसवाल नाम के इस दूल्हे की शादी पूरे इलाके में चर्चा का सबब बनी हुई है। इस दौरान बैंड-बाजे व डीजे की धुन पर उसके परिजन व रिश्तेदार थिरकते नजर भी आए।
वाट्सऐप, फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर बड़ी संख्या में उपयोगकर्ता अंकुश की बारात से जुड़ी तस्वीरें और वीडियो साझा कर रहे हैं। झल्लार गांव के रहने वाले दूल्हे ने कहा कि मैं पेशे से सिविल इंजीनियर हूं और बुलडोजर सहित निर्माण कार्यों से जुड़ी अन्य मशीनों के साथ दिन भर काम करता रहता हूं। इसलिए मेरे मन में विचार आया कि मैं अपने पेशे से जुड़े बुलडोजर पर ही बारात निकालूं। अंकुश ने बताया कि झल्लार गांव से बारात निकलने के बाद उन्होंने केरपानी गांव स्थित प्रसिद्ध श्री हनुमान मंदिर में रात्रि विश्राम किया और फिर बुधवार को उनका विवाह केसर बाग में धूमधाम से संपन्न हुआ।