पंजाब में कांग्रेस की राजनीति ने जिस तरह से बीते समय में करवट ली है उसने सभी को भौचक्का कर दिया है। कुछ अर्सा पहले तक किसी ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि कैप्टन अमरिंदर को सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ जाएगा, लेकिन हालात पर निगाह डालें तो लगता है कि खेल अभी बाकी है। फिलहाल सभी की नजरें कैप्टन के अगले कदम पर टिकी हैं।

कैप्टन के ओएसडी रहे नरेंद्र भांबरी ने एक पोस्टर ट्वीट करके कांग्रेस आलाकमान समेत तमाम कांग्रेसियों के दिल की धड़कनें बढ़ा दी है। पोस्टर का शीर्षक है कैप्टन-2022। यानि अमरिंदर हार मानकर घर बैठने के मूड़ में नहीं दिख रहे, लेकिन उनका अगला कदम क्या होगा इसे लेकर फिलहाल अनुमान ही ज्यादा हैं। हालांकि भांबरी के पोस्टर ट्वीट करने के बाद कैप्टन की तरफ से एक बयान जारी किया गया कि वह चुनाव में नवजोत सिद्धू के खिलाफ ताकतवर प्रत्याशी मैदान में उतारेंगे। कैप्टन ने इसमें जिस तरह से गांधी परिवार को आड़े रहा हाथ उससे भी साफ है कि उनकी राह कांग्रेस से इतर है।

अलबत्ता, इस्तीफा देने के बाद कैप्टन ने जिस तरह से बीजेपी की आलोचना की है उससे लगता है कि वह भगवा पार्टी में जाने के हारे में सोच भी नहीं रहे। कैप्टन ने साफ कहा कि किसान आंदोलन के लिए बीजेपी सरकार जिम्मेदार है। माना जा रहा है कि गांधी जयंती पर दो अक्टूबर के दिन वह कोई बड़ा ऐलान कर सकते हैं। लेकिन ये क्या होगा इसे लेकर सस्पेंस बना है। सूत्रों का कहना है कि किसान आंदोलन के शुरू से ही कैप्टन ने किसानों के समर्थन में बात की। पंजाब की सारी किसान यूनियनों से उनके रिश्ते काफी मजबूत बताए जाते हैं।

उनके वक्तव्य से इतना साफ है कि वह बीजेपी में नहीं जा रहे। पर उनकी राह क्या होगी ये बताना काफी मुश्किल है। पोस्टर से साफ है कि उनके दिमाग में कोई ठोस प्लान है। वैसे भी पंजाब की राजनीति में बीजेपी के साथ जाना खुदकुशी से कम नहीं लगता। किसान आंदोलन की शुरुआत पंजाब से ही हुई थी। यहां के लोगों को लगता है कि बीजेपी ने उनके साथ धोखा किया। ऐसे में पंजाब की राजनीति करने वाले अमरिंदर बीजेपी का साथ नहीं पकड़ने वाले, ये बात बिलकुल साफ है।

लेकिन कैप्टन ने जिस तरह से सिद्धू के खिलाफ स्ट्रांग कैंडिडेट उतारने की बात की है उससे साफ है कि वह कांग्रेस से बाहर नई इनिंग खेलने का मन बना चुके हैं। एक नेता का कहना है कि कांग्रेस में रहकर तो वह सिद्धू के खिलाफ उम्मीदवार तय नहीं कर सकते? जाहिर है कि उनके पास कोई प्लान है। फिलहाल सीएम चरणजीत चन्नी अपने कुनबे पर ध्यान दे रहे हैं। कैबिनेट का विस्तार कभी भी हो सकता है। जाहिर है कि इसके बाद विधायकों में नाराजगी का दौर भी शुरू होगा। फिलहाल सीएम समेत तमाम कांग्रेसी इसी पर अपना ध्यान लगे रहे हैं।