The Elephant Whisperers: तमिल भाषा के वृत्तचित्र ‘द एलिफैंट विस्पर्स‘ ने ‘बेस्ट डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट सब्जेक्ट’ श्रेणी में ऑस्कर जीता है। ऐसे में कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने सोमवार (13 मार्च, 2023) को ऑस्कर जीतने वाली ‘द एलिफेंट व्हिस्परर्स’ की जीत की सराहना करते हुए नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा है। रमेश ने कहा कि शायद यह मोदी सरकार को वन्य जीवन संरक्षण अधिनियम, 1972 में “व्यापक रूप से विरोधी हाथी-अमित्र (Widely Opposed Elephant-Unfriendly)” संशोधनों के साथ आगे नहीं बढ़ने के लिए मजबूर करेगा।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘यह बहुत अच्छी बात है कि ‘द एलिफैंट विस्पर्स’ ने ऑस्कर जीता। शायद यह मोदी सरकार को वन्य जीवन संरक्षण अधिनियम, 1972 में व्यापक रूप से विरोध किए गए हाथी-अमित्र संशोधनों के साथ आगे नहीं बढ़ने के लिए मजबूर करेगा। 2010 में हाथी को राष्ट्रीय विरासत (संरक्षित) पशु घोषित किया गया था। रमेश ने वन्यजीव (संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2022 के कई प्रावधानों का विरोध किया था, जब इसे पिछले साल दिसंबर में राज्यसभा में पारित किया गया था।
क्या है वन्य जीव सरंक्षण अधिनियम 1972?
यह अधिनियम भारत में पारिस्थितिक और पर्यावरणीय सुरक्षा को बनाए रखने के उद्देश्य से वन्य जीवन, पौधों और पक्षियों की रक्षा के लिए सरकार द्वारा एक कानूनी ढांचे के रूप में अधिनियमित किया गया था। इसमें जानवरों की सुरक्षा के लिए शिकार पर प्रतिबंध का विवरण भी है। यह वन्यजीव व्यापारों के साथ-साथ उनसे बने उत्पादों को भी नियंत्रित करता है।
संरक्षण और निगरानी के क्रम में अधिनियम को पौधों और जानवरों को सूचीबद्ध करने वाली छह अनुसूचियों में विभाजित किया गया है। वन्य जीवन संरक्षण अधिनियम, 1972, शिकार के कारण बड़े पैमाने पर वन्यजीवों के उन्मूलन के मद्देनजर तत्कालीन ब्रिटिश प्रशासन द्वारा पेश किए गए पहले के कानूनों का एक व्यापक ढांचा है।
संशोधन में ‘हाथी-अमित्र’ क्या है?
वन्य जीव संरक्षण अधिनियम, 1972 में संशोधन के लिए राज्यसभा में एक विधेयक पारित किया गया था। अन्य परिवर्तनों के अलावा विधेयक अधिनियम की धारा 43 में संशोधन करना चाहता है, जिससे स्वामित्व के वैध प्रमाण पत्र वाले व्यक्ति को धार्मिक या ‘किसी अन्य उद्देश्य’ के लिए बंदी हाथियों को स्थानांतरित या परिवहन करने की अनुमति मिलती है।