Operation In Kulgam: जम्मू कश्मीर के कुलगाम में पिछले तीन दिनों से लगातार सेना और आतंकियों के बीच में एनकाउंटर जारी है। बताया जा रहा है कि यह इस साल का सबसे बड़ा ऑपरेशन है जिसमें अब तक तीन आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया गया है। इस ऑपरेशन की अहमियत को इसी बात से समझा जा सकता है कि इसमें हाईटेक सर्विलांस सिस्टम और स्पेशल पैरा फोर्स तक को शामिल किया गया है।
एक पुलिस अधिकारी ने आज तक से बातचीत के दौरान बताया है कि एक अगस्त को दक्षिण कश्मीर के अखल वन क्षेत्र में ऑपरेशन को शुरू किया गया था, ऐसे इनपुट मिले थे कि कुछ आतंकी वहां पर छिपे हुए हैं।
वैसे इस ऑपरेशन से पहले सेना ने पहलगाम के दोषियों को भी मौत की घाट उतारा था। असल में सेना और पुलिस ने मिलकर ऑपरेशन महादेव को अंजाम दिया था जिसके जरिए सुलेमान, अफगान, जिब्रान नाम के आतंकियों को ढेर किया गया।
‘खुदाई में शिवलिंग और पुरानी मूर्तियां मिलीं…’
देश के गृहमंत्री अमित शाह ने भी ऑपरेशन महादेव की पुष्टि की थी, उनकी तरफ से देश की संसद में उस बारे में विस्तार से बताया गया था। अमित शाह ने कहा था कि 22 अप्रैल को आईबी के पास ह्युमन इंटेल आई थी। दाछीगाम क्षेत्र के अंदर आतंकियों की मौजूदगी की जानकारी मिली। इस जानकारी को पुख्ता करने के लिए अप्रैल से 22 जुलाई तक लगातार कोशिशें की गईं। ऊंचाई पर सिग्नल हासिल करने के लिए सेना के जवान घूमते रहे। 22 जुलाई को सेंसर के माध्यम से आतंकियों की मौजूदगी की पुष्टि हुई। पुलिस सेना के जवानों ने आतंकियों को घेरने का काम किया।
शाह ने यह भी कहा कि जम्मू कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ और सेना ने साझा तरीके से ऑपरेशन को अंजाम दिया है। आतंकियों के पास से तीन राइफलें बरामद की गईं। तीनों ही आतंकियों का सफाया हो गया है।
ये भी पढ़ें- ऑपरेशन महादेव के बाद कुलगाम में एक्शन