आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा जम्मू कश्मीर में बड़े हमले की फिराक में है। नेता और बाहरी लोग उसके निशाने पर हैं। खुफिया एजेंसियों ने इस बारे में अलर्ट जारी किया है। आतंकी हैंड ग्रेनेड से हमला कर सकते हैं। राजनेताओं के अलावा ऐसे लोग जो प्रवासी हैं, उनको निशाना बनाया जा सकता है। हाल के दिनों में आतंकियों ने राज्य में रहने वाले कई प्रवासी मजदूरों की हत्या की है। कश्मीर में पिछले दिनों काफी टारगेट किलिंग के मामले सामने आए हैं जिसमें कश्मीरी पंडितों या फिर प्रवासी मजदूरों को आतंकियों ने निशाना बनाया है।

वहीं मंगलवार (1 नवंबर) की रात को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सेना के जवानों ने लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों की एक और साजिश को नाकाम कर दिया है और उनके तीन आतंकियों को ढेर कर दिया। अवंतीपुरा इलाके में आतंकी फिदायीन हमले की तैयारी कर रहे थे। ये तीनों आतंकी साल 2019 की तरह से फिदायीन हमले की तैयारी में थे लेकिन जवानों ने इन्हें मुठभेड़ में मार गिराया। मारे गए आतंकियों में से एक जिसका नाम मुख्तार भट था वो सीआरपीएफ के एएसआई और दो आरपीएफ कर्मियों की हत्या सहित कई आपराधिक मामलों में वांछित था।

जवानों बड़ी आतंकी साजिश को टाला

एडीजीपी कश्मीर ने मीडीया से बातचीत में बताया कि अवंतीपोरा मुठभेड़ में लश्कर कमांडर मुख्तार भट सहित लश्कर के 3 आतंकी मारे गए। इस बात की जानकारी भी सामने आई है कि मुख्तार एक विदेशी आतंकवादी संगठन के साथ मिलकर सिक्यॉरिटी कैंप में फिदायिन हमले की फिराक में था। मारे गए आतंकियों के पास से एक एके 74 राइफल, एक एके 56 राइफल और एक पिस्टल बरामद हुई। इस मुठभेड में पुलिस और सेना ने के जवानों के सामूहिक प्रयास के बाद एक बड़े आतंकी हमले साजिश को टाल दिया गया।

हैदराबाद से गिरफ्तार हुए थे लश्कर के तीन आतंकी

इसके लगभग एक महीने पहले हैदराबाद पुलिस ने आईएसआई और लश्कर से जुड़े तीन आतंकियों को गिरफ्तार किया था। ये गिरफ्तारी शहर के मलकपेट से हुई थी। इन आतंकियों के पास से 5 मोबाइल, कैश और 4 हैंड ग्रेनेड भी बरामद हुए थे। पुलिस ने बताया कि पकड़े गए आतंकी हैदराबाद में भीड़-भाड़ इलाके में फिदायीन हमले की फिराक में थे। इनकी पहचान मोहम्मद समीउद्दीन, माज हसन फारूक और अब्दुल जाहेद के तौर पर हुई थी।