Terrorist Adil Ahmad Thoker: पहलगाम आतंकी हमले के बाद सुरक्षा बलों ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए कश्मीर में कई आतंकवादियों के घरों को उड़ा दिया। ऐसे कुल 10 आतंकवादी हैं जिनके घरों को या तो बम विस्फोट से उड़ाया गया या बुलडोजर से तोड़ दिया गया। पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा बलों ने सबसे पहले कश्मीर के बिजबेहड़ा के गुरी गांव में आदिल अहमद थोकर के घर पर ब्लास्ट किया था। आदिल को पहलगाम आतंकी हमले का संदिग्ध माना जाता है।
पुलिस के मुताबिक, आदिल 2018 में वैध डॉक्यूमेंट्स के साथ वाघा सीमा के जरिए पाकिस्तान गया था लेकिन पिछले साल वह कश्मीर लौट आया था। आदिल के घर को गिराए जाने के बाद अगले तीन दिनों में सुरक्षा बलों ने नौ अन्य आतंकवादियों के परिवारों या रिश्तेदारों के घरों को तोड़ दिया।
इन नौ आतंकवादियों में से एक शख्स 6 महीने पहले ही आतंकवादी संगठन से जुड़ा था और एक शख्स हथियारों की ट्रेनिंग लेने के लिए 35 साल पहले पाकिस्तान गया था और फिर वापस नहीं लौटा।
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A कैटेगरी के आतंकवादी सबसे कट्टर
पुलिस के रिकॉर्ड के मुताबिक, इन नौ आतंकवादियों में से सात आतंकी एक्टिव हैं और पुलिस ने उन्हें C कैटेगरी में रखा है। दो आतंकियों के बारे में सूचना है कि वे पाकिस्तान में हैं। पुलिस आतंकियों को A+, A, B or C कैटेगरी में रखती है। A कैटेगरी के आतंकवादियों को सबसे कट्टर माना जाता है।
लश्कर और जैश से जुड़े हैं आतंकी
28 साल का आसिफ अहमद शेख, मुमगामा त्राल का रहने वाला है। वह 3 साल पहले आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हुआ था। लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा अहसान अहमद शेख जून, 2023 में आतंकवादियों के संपर्क में आया था। 20 साल का आमिर नजीर वानी 1 साल से जैश से जुड़ा है। इसके अलावा 27 साल का शाहिद अहमद कुट्टे शोपियां का रहने वाला है और लश्कर के साथ है जबकि जाकिर अहमद गनई कुलगाम का है।
Pahalgam Terror Attack News LIVE:
कुपवाड़ा में फारूक अहमद टेडवा के घर को उड़ा दिया गया। टेडवा 1990 के दशक में हथियारों की ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान गया था लेकिन वापस नहीं लौटा। शोपियां के वदीना मुथामा गांव में अदनान शफी डार के परिवार का मकान गिरा दिया गया। डार पिछले साल नवंबर में आतंकवादी बन गया था।
आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद भी गिराए थे घर
जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाए जाने के बाद कुछ आतंकवादियों के घरों को गिराया गया था लेकिन तब अतिक्रमण या मकान के ढांचे में गड़बड़ियों का हवाला दिया गया था लेकिन इस बार ऐसा नहीं किया गया। सुरक्षा बलों ने जिन आतंकवादियों के घरों को उड़ाया, पहले उनके परिवार के लोगों को बाहर निकाला और तुरंत बाद कार्रवाई की। कुछ मामलों में पड़ोसियों के घरों को भी नुकसान पहुंचा है।
जम्मू-कश्मीर के कुछ नेताओं की तरह पुलिस अफसरों ने भी सलाह दी है कि इस तरह की कार्रवाई का उल्टा असर हो सकता है क्योंकि घाटी के लोगों ने पहलगाम हमले की जमकर निंदा की थी।
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