मध्य प्रदेश के कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के Congress छोड़ने के बाद सूबे में करीब 10,000 कांग्रेस पदाधिकारियों ने इस्तीफे दे दिए हैं। आगे भी कई और पदाधिकारी त्याग-पत्र दे सकते हैं। बुधवार को यह बड़ा दावा राज्य में कांग्रेस प्रवक्ता पद छोड़ने वाले पंकज चतुर्वेदी ने किया।

उन्होंने भी सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के फौरन बाद पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, मध्य प्रदेश की सत्तारूढ़ कांग्रेस ने इस दावे को खारिज किया है। कहा था कि सिंधिया के समर्थक अन्य नेताओं पर कांग्रेस छोड़ने के लिए दबाव बना रहे हैं।

कट्टर सिंधिया समर्थक माने जाने वाले चतुर्वेदी ने समाचार एजेंसी ‘PTI-Bhasha’ को बताया, “सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के बाद उनके प्रति आस्था जताने वाले मध्य प्रदेश कांग्रेस के करीब 10,000 पदाधिकारियों ने इस्तीफे दिए हैं। ये इस्तीफे राज्य स्तर से ब्लॉक स्तर तक के पदाधिकारियों के हैं। ये कल सुबह से लेकर आज शाम तक दिए गए हैं। इनमें कुछ कांग्रेस जिला अध्यक्ष भी शामिल हैं।”

बकौल चतुर्वेदी, “जल्द ही कई अन्य कांग्रेसी पदाधिकारी भी अपने पदों से त्यागपत्र देंगे।” उन्होंने आगे दावा किया, “गुना, सागर, अशोक नगर, ग्वालियर, इंदौर, शिवपुरी और कुछ अन्य जिलों के कांग्रेस अध्यक्षों ने अपना इस्तीफा दिया है।” इसी बीच, मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा ने कहा कि सिंधिया समर्थक पार्टी के नेताओं को इस्तीफा देने के लिए दबाव बना रहे हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि इतने बड़ी तादात में पार्टी के पदाधिकारियों ने इस्तीफे नहीं दिए हैं। सलूजा बोले, “जिस किसी ने भी इस्तीफा दिया है, उसने सिंधिया समर्थकों के दबाव में दिया है। वे पार्टी के नेताओं पर दबाव बना रहे हैं। अगर सिंधिया इतने प्रसिद्ध थे तो वह पिछले साल गुना लोकसभा सीट से चुनाव क्यों हार गये थे?”

सलूजा के अनुसार, सिंधिया को भाजपा में कुछ दिन बिताने के बाद ही जल्द अपनी नेतृत्व के बारे में असलियत का पता चल जाएगा।