तेलंगाना के एक आर्मी जवान ने आरोप लगाया है कि उसके परिवार के छह एकड़ जमीन पर जबरन कब्जा कर लिया गया है और उसके पिता को धमकी मिल रही है। जवान का नाम एस. स्वामी है, जो फिलहाल जम्मू-कश्मीर में तैनात हैं। उन्होंने एक वीडियो संदेश के माध्यम से कहा कि तेलंगाना के कमरेड्डी जिले में उसके पारिवारिक जमीन पर कब्जा कर लिया गया है।
पीटीआई के अनुसार, जवान के आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए कमरेड्डी के जिलाधिकारी एन सत्यनारायण ने मंगलवार को कहा पिछले महीने जवान ने उनसे इस बारे बताया था, जिसके बाद उन्होंने संबंधित अधिकारी से इस मामले में उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। जांच के बाद पता चला कि वह जमीन विवादित है। जिला के अधिकारियों ने जवान के पिता को इस मामले के समाधान के लिए सिविल कोर्ट जाने की सलाह दी।
वीडियो में जवान कह रहे हैं, “हमारे देश में सभी लोग जय जवान, जय किसान कहते हैं, लेकिन किसानों और जवानों की संपत्ति के लिए किसी तरह की सुरक्षा नहीं है। यह आज मेरे साथ हुआ है और कल आपके साथ हो सकता है।” उन्होंने आगे आरोप लगाया कि उन्हें राजस्व विभाग व दूसरे जगहों से कोई उचित प्रतिक्रिया नहीं मिली। जवान ने इस आम लोगों से इस वीडियो को शेयर करने और इसे तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव तक पहुंचाने की अपील की है।
Respected @PMOIndia @nsitharaman @AmitShah This video came as a forward on whatsapp where an army jawan says while he is at border, his 6 acre agricultural land in Telangana is forcefully taken away from his family. Please solve his problem and keep armed forces stress free. pic.twitter.com/khA3iqzWKi
— Jogulamba (@JogulambaV) June 16, 2019
सोशल मीडिया पर यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया यूजर्स भी जवान के पक्ष में टिप्पणी कर रहे हैं। टि्वटर यूजर @MANISHK88275085 ने लिखा, “जो व्यक्ति हमारी मातृभूमि की रक्षा कर रहा है, वह अपनी जमीन व परिवार को लेकर असुरक्षित महसूस कर रहा है। यद्यपि वह सरकार का हिस्सा है, लेकिन विभिन्न खामियों और रूकावटों की वजह से सरकार तक पहुंचने में विफल रहा और इसके बजाय नेटवर्किंग ऐप व्हाट्सएप का इस्तेमाल किया। यह दुखद है।”
जिला अधिकारी के रिपोर्ट के अनुसार, जमीन के मालिकाना हक को लेकर जवान के पिता और एक अन्य व्यक्ति के बीच विवाद था। उस आदमी ने 2016 में कोर्ट में एक मामला दायर किया था, जिसके बाद कोर्ट ने उस आदमी के पक्ष में फैसला सुनाया था।