तेलंगाना हाईकोर्ट ने कोठागुडेम विधानसभा क्षेत्र से सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (BRS) के विधायक वनमा वेंकटेश्वर राव का चुनाव मंगलवार को रद कर दिया। अदालत ने वनमा वेंकटेश्वर राव पर पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। कोर्ट का कहना था कि बीआरएस नेता ने जो किया वो किसी भी नजरिये से स्वीकार नहीं है। उन्हें अपनी सारी संपत्ति का ब्योरा चुनावी हलफनामे में देना था। ऐसा न करके उन्होंने अपराध किया है।

जस्टिस जी राधा रानी ने पूर्व विधायक जलगम वेंकट राव की चुनाव याचिका को स्वीकार करते हुए यह आदेश पारित किया। याचिका में कोठागुडेम विधानसभा सीट से विधायक के रूप में वनमा वेंकटेश्वर राव के चुनाव को चुनौती दी गई थी। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि वनमा वेंकटेश्वर राव ने अपने चुनावी हलफनामे में अपनी और अपने परिवार की कृषि भूमि के संबंध में कुछ तथ्य छिपाए थे। वेंकटेश्वर राव 2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर कोठागुडेम से जीते थे। बाद में वह बीआरएस (तब टीआरएस) में शामिल हो गए थे।

2018 में वेंकटेश्वर राव 4 हजार से ज्यादा मतों से जीते थे चुनाव

जस्टिस ने अपने फैसले में कहा कि 12 दिसंबर 2018 से विधायक नहीं माने जाएंगे। चुनाव में उनके निकटतम प्रतिद्वंदी रहे उम्मीदवार को इस तिथि से विधायक माना जाएगा। हाईकोर्ट के फैसले के मुताबिक जलगम वेंकट राव अब वनमा वेंकटेश्वर राव की सीट से विधायक होंगे। 2018 के चुनाव में वेंकटेश्वर राव को 81 हजार 118 वोट मिले थे। जबकि जलगम वेंकट राव को 76 हजार 979 वोट मिले थे। वेंकटेश्वर राव 4 हजार 139 मतों से चुनाव जीत गए थे। जलगम वेंकट राव ने कहा कि उन्हें ऐसे ही फैसले की उम्मीद थी। उनका कहना था कि वेंकटेश्वर राव ने गलत किया था अपनी संपत्ति को छिपाकर। उन्हें सजा मिलना सही है।

फैसले से केसीआर पर असर नहीं, उनके विधायक उतने ही रहेंगे

खास बात है कि हाईकोर्ट के फैसले से BRS पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है, क्योंकि 2018 के चुनाव में जलगम वेंकट राव केसीआर की पार्टी से चुनाव मैदान में थे जबकि वेंकटेश्वर राव कांग्रेस के टिकट पर। फिलहाल जलगम वेंकट राव केसीआर की पार्टी का ही प्रतिनिधित्व करेंगे। 120 सदस्यीय विधानसभा में केसीआर के 104 विधायक हैं।