Waqf Amendment Act 2025: नए वक्फ कानून को लेकर एक बार फिर सियासी पारा चढ़ गया है। पटना के गांधी मैदान में वक्फ संशोधन अधिनियम के विरोध हुई रैली में रविवार देश के अलग अलग इलाकों से हजारों लोग पहुंचे। इस विरोध प्रदर्शन के मंच पर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और सांसद पप्पू यादव एक साथ नजर आए। तेजस्वी यादव ने कहा है कि इस कानून का बिहार चुनाव नतीजों के बाद कूड़ेदान में फेंक देगा।
वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ पटना में हुई इस रैली को केंद्र और राज्य में शासित एनडीए सरकार के खिलाफ एक शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा सकता है। हालांकि यह विरोध प्रदर्शन मुस्लिम संगठन इमारत-ए-शरीया के बैनर तले हो रहा था, जो कि बिहार ओडिशा और झारखंड में काफी एक्टिव है।
तेजस्वी बोले- हम जगह लड़ेंगे ये लड़ाई
इस दौरान बिहार विधानसभा में नेता विपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि आरजेडी ने संसद और सड़क दोनों ही जगह इस कानून का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि जब जेपीसी का गठन हुआ और विधेयक पारित होने के बाद हमारी पार्टी इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट भी गई, चाहे सदन में हो, सड़क पर हो या अदालत में, हम हर जगह इस लड़ाई को लड़ेंगे।
‘बिहार इस कानून को कूड़ेदान में डाल देगा’
आरजेडी नेता ने कहा कि जो लोग अभी सत्ता में हैं, वे जाने वाले हैं, जब गरीबों की सरकार सत्ता में आएगी, तो बिहार इस कानून को कूड़ेदान में फेंक देगा। दूसरी ओर तेजस्वी यादव ने वोटर लिस्ट के वेरिफिकेशन को लेकर चुनाव आयोग और केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कि वोटर लिस्ट बदलाव करके गरीबों और अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों को मताधिकार से वंचित करने का प्रयास किया जा रहा है।
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पप्पू यादव ने भी उठाया वोटर लिस्ट का मुद्दा
दिलचस्प बात यह है कि एक दूसरे के धुर विरोधी होने के बावजूद तेजस्वी और कांग्रेस नेता पप्पू यादव एक ही मंच पर बैठे थे। इस दौरान पप्पू यादव ने अपने संबोधन में कहा कि चुनाव आयोग के जरिए 4.7 करोड़ गरीब लोगों के वोटिंग अधिकार छीनकर वे (एनडीए) बिहार में चुनाव लड़ना चाहते है। यह एक छद्म युद्ध है। एक महीने के अंदर वे उन 4.7 करोड़ लोगों (बिहार के) को बेघर करना चाहते हैं जो बाहर हैं।
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मोदी-नीतीश के खिलाफ दिखा गुस्सा
नए वक्फ कानून के खिलाफ इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे आए तो नहीं लेकिन उन्होंने अपना संदेश भिजवाया, जिसे कांग्रेस नेताओं ने पढ़ा। सीपीआई नेता दीपांकर भट्टाचार्य से लेकर राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने इस मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार की नीतीश कुमार सरकार पर जोरदार हमले किए और विधानसभा चुनाव में विपक्ष की सफलता का दावा भी किया गया।
‘…तब तक जारी रहेगा ये आंदोलन’
इमारत-ए-शरिया के प्रमुख मौलाना फैसल रहमानी ने विरोध को एक मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक वक्फ अधिनियम वापस नहीं लिया जाता। उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 13, 14, 25, 26 और 300 ए के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के कथित उल्लंघन का हवाला देते हुए अधिनियम की असंवैधानिक और अल्पसंख्यक विरोधी के रूप में आलोचना की।
रहमानी ने कहा है कि हम 1995 के वक्फ कानून को स्वीकार करते हैं लेकिन ये संशोधन हमारे पूजा स्थलों और विरासत भवनों को छीनने के अलावा और कुछ नहीं हैं। यह कानून देश में भाईचारे की भावना को कमजोर करता है। बता दें कि नए वक्फ कानून के मुद्दे पर हुई इस रैली में भारी भीड़ जुटी थी।
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