राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजप्रताप यादव करीब दो महीने बाद अचानक राजनैतिक रूप से सक्रिय हो गए हैं। पटना फैमिली कोर्ट में ऐश्वर्या से तलाक की अर्जी लगाने के बाद वह लाइमलाइट से दूर चल रहे थे। हाल ही में उन्होंने पटना स्थित पार्टी के प्रदेश कार्यालय में ‘जनता दरबार’ लगाया। तेजप्रताप की यह ‘फुर्ती’ देख पार्टी के कई वरिष्ठ नेता थोड़े असहज हो गए हैं। विशेषकर नेता प्रतिपक्ष व तेजप्रताप के छोटे भाई, तेजस्वी के खेमे वाले राजद नेता उस समय पार्टी कार्यालय जाने से बचते हैं, तब तेजप्रताप वहां मौजूद होते हैं।
सोमवार (24 दिसंबर) को तेजप्रताप ने राजद कार्यालय में ‘जनता दरबार’ लगाया और लोगों की समस्याएं सुनी। उन्होंने कहा कि वह ”पार्टी द्वारा दी जाने वाली कोई भी महत्वपूर्ण भूमिका” निभाने को तैयार हैं। पार्टी सूत्र बताते हैं कि रांची जाकर पिता लालू प्रसाद से मिलकर लौटने के बाद, तेजप्रताप राजनैतिक रूप से खासे सक्रिय हो गए हैं और पार्टी कार्यालय आने लगे हैं। पिछले सप्ताह तेजप्रताप ने उस कमरे में वक्त बिताया जहां लालू बैठा करते थे।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह ऐसे ‘जनता दरबार’ लगाकर अपने पिता की राह पर चलने की कोशिश कर रहे हैं, तेजप्रताप ने कहा, “मुझे लोगों को समझने के लिए उनसे संवाद करना पड़ेगा। जनता दरबार नियमित रूप से लगेगा।” सोमवार को जनता दरबार में आए अधिकतर फरियादियों की समस्याएं पुलिस और सरकारी विभागों की लेटलतीफी से जुड़ी रहीं।
नीतीश कुमार के सुशासन के दावे पर तंज कसते हुए तेजप्रताप ने ट्वीट किया, “जनता से मिलकर उनके समस्याओं का निवारण किया। बिहार में सुशासन बाबू के राज में जनता त्राहिमाम है, उनकी समस्याओं को सुनने के लिए कोई तैयार नहीं है। ऐसे में जनता का सेवक होने के नाते उनके समस्याओं का सुनना एवमं उनका निवारण करना मेरा परम् दायित्व है।”
भले ही तेजप्रताप अपने भाई तेजस्वी को राजद उम्मीदवार बनाने की बात पर कायम हैं और कहते हैं कि वह अर्जुन (तेजस्वी) के कृष्ण की भूमिका में हैं, मगर पार्टी में ”सत्ता के दो केंद्र” होने की वजह से असहज स्थिति बन रही है। एक राजद नेता ने कहा, “तेज और तेजस्वी (दोनों) महत्वपूर्ण नेता हैं और तेज पार्टी में अपनी भूमिका का निर्वहन करेंगे।”
किसी तरह के शक्ति-संघर्ष से इनकार करते हुए राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, “वे अपनी-अपनी भूमिका निभा रहे हैं। किसी को ज्यादा मतलब निकालने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।”