Tehseen Poonawalla Pahalgam Terror Attack: पहलगाम आतंकी हमले को लेकर राजनीतिक विश्लेषक तहसील पूनावाला ने कहा है केंद्र सरकार को काफिर शब्द के इस्तेमाल पर रोक लगानी चाहिए। पूनावाला ने ANI से कहा, “मैं केंद्र सरकार और संसद से अपील करता हूं कि काफिर शब्द का दुरुपयोग किया जा रहा है और सार्वजनिक रूप से इस शब्द का इस्तेमाल दूसरों को अपमानित करने, जलील करने, उनके खिलाफ नफरत फैलाने की अनुमति ना दी जाए और इसे दंडनीय अपराध बनाया जाए।”

पूनावाला ने कहा, “जिस तरह एससी-एसटी एक्ट में कई शब्द हैं, यूरोप में भी आप कई शब्दों का इस्तेमाल सार्वजनिक भाषण में नहीं कर सकते।”

तहसील पूनावाला ने कहा, “यही वह काफिर शब्द है जिसके आधार पर पाकिस्तान के आर्मी ने हेट स्पीच दी थी और इसके चलते पहलगाम में जो आतंकी हमला हुआ, वहां पर इस्लामिक आतंकवादियों ने हिंदुओं को चुनकर मारा इसलिए इस शब्द का गलत इस्तेमाल हो रहा है, यह मेरी सरकार से अपील है।”

बताना होगा कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले में कुल 26 लोगों की मौत हुई है। इसमें 25 पर्यटक और एक स्थानीय नागरिक शामिल है। जम्मू-कश्मीर पुलिस और केंद्रीय एजेंसियां आतंकियों की तलाश में जुटी हुई हैं। केंद्र सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा है कि आतंकियों को सख्त सजा दी जाएगी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने तमाम राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात की है और कहा है कि सभी पाकिस्तानियों को राज्य से बाहर निकाला जाए।

मेरा एक भाई जेल में है, दूसरा मुजाहिदीन…’, 

इस बीच, पहलगाम हमले में शामिल दो आतंकियों के घरों को शुक्रवार को सुरक्षा बलों और जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया। बिजबेहरा में लश्कर आतंकी आदिल हुसैन के घर को आईईडी से उड़ा दिया गया जबकि त्राल में आसिफ शेख के घर को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया।

20 लाख का इनाम घोषित

अनंतनाग पुलिस ने हमले में शामिल आदिल हुसैन और दो पाकिस्तानी नागरिकों – अली भाई और हाशिम मूसा के बारे में जानकारी देने पर 20 लाख रुपये का इनाम घोषित किया है। हमलावरों की तलाश में सुरक्षा बलों ने बड़े पैमाने पर अभियान चलाया है और तीनों आतंकियों के स्केच भी जारी किए हैं। पुलिस ने बताया कि मूसा और अली लगभग दो सालों से घाटी में सक्रिय हैं।

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