एक तरफ प्रदूषण के खतरे से निपटने की तकनीकी चुनौती इस उद्योग के सामने है, वहीं ईंधन के इस्तेमाल को किफायती और वैकल्पिक बनाने का भी दबाव है। इस लिहाज से इलेक्ट्रिक गाड़ियों को भविष्य का वाहन माना जा रहा है।

इलेक्ट्रिक वाहनों का नाम लेते ही सबसे पहले टेस्ला मोटर्स का नाम दिमाग में आता है। इलेक्ट्रिक कार के निर्माण पर जोर देने वाली कंपनी टेस्ला मोटर्स दरअसल निकोला टेस्ला को ही समर्पित है। गौरतलब है कि टेस्ला ने इलेक्ट्रिक मोटर के आविष्कार में अहम भूमिका निभाई थी। उनके इस अवदान के सम्मान में कंपनी का नाम टेस्ला मोटर्स रखा गया। इसके अलावा चुंबकीय क्षेत्र के परिमाण को मापने वाली इकाई का नाम भी टेस्ला ही है।

दिलचस्प है कि एलन मस्क की टेस्ला कंपनी निकोला टेस्ला की मृत्यु के छह दशक बाद बनी। आज मस्क जिस तरह इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ अंतरिक्ष तकनीक के क्षेत्र में नए प्रयोगों के साथ आगे बढ़ रहे हैं, उसे देखकर लगता है कि दुनिया के लिए वैज्ञानिक चमत्कारों का दौर आगे भारी कौतुहल से भरा रहने वाला है।

अलबत्ता यह जरूर है कि जिस तरह टेस्ला अपने जीवन में समकालीन प्रतिभाओं की मक्कारी के शिकार हुए थे, विज्ञान और तकनीक की दुनिया के लिए वह संकट अभी निपटा नहीं है। हां, यह जरूर साफ है कि पेटेंट की सनक और मुनाफे की चमक के जोर पर तकनीक की कोई भी लीक न तो सार्वकालिक हो सकती है और न ही मानवता के लिए मंगलकारी।