केन्द्रीय गृहमंत्री और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की अगुवाई में देश में भाजपा लगातार मजबूत हो रही है। अमित शाह को आज भारतीय राजनीति का चाणक्य माना जाता है। अमित शाह के नेतृत्व में भाजपा और उसका संगठन एक चुनावी मशीनरी में तब्दील हो चुका है, जो एक के बाद एक राज्य में भगवा लहरा रहा है। भाजपा को इस ताकतवर स्थिति में लाने के लिए पीएम मोदी की लोकप्रियता और अमित शाह के रणनीतिक कौशल की तो खूब चर्चा होती है, लेकिन कम ही लोग अमित शाह की टीम के चेहरों से वाकिफ हैं। जिनकी मदद से ही अमित शाह संगठन और पार्टी पर अपनी पकड़ मजबूत रखते हैं।

जेपी नड्डाः भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा पार्टी के उन नेताओं में शुमार किए जाते हैं, जो पीएम मोदी और अमित शाह के करीबी माने जाते हैं। जेपी नड्डा को साल 2010 में भाजपा का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया था। इसके बाद से ही जेपी नड्डा का कद पार्टी में काफी बढ़ा है। वहीं साल 2014 में अमित शाह के पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद से जेपी नड्डा के कद में और इजाफा हुआ है। नड्डा, मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री का पद भी संभाल चुके हैं।

भूपेन्द्र यादवः द प्रिंट के हवाले से आयी एक खबर के अनुसार, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव भूपेन्द्र यादव अमित शाह के सबसे विश्वासपात्र लोगों में शुमार किए जाते हैं। यादव को पार्टी में अमित शाह की ‘आंख और कान भी कहा जाता है।’ साल 2014 में अमित शाह के पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद से पार्टी संगठन में बड़े बदलाव हुए हैं। भूपेन्द्र यादव फिलहाल राज्यसभा सांसद हैं और उन राज्यों पर खास ध्यान देते हैं, जो अहम और पार्टी के लिए मुश्किल माने जाते हैं। फिलहाल भूपेन्द्र यादव महाराष्ट्र चुनाव पर ध्यान लगाए हुए हैं।

बीएल संतोषः बीएल संतोष पार्टी संगठन में महासचिव हैं और अमित शाह के एक और करीबी सहयोगी माने जाते हैं। बीएल संतोष संगठन में तेजतर्रार नेता माने जाते हैं और बखूबी संगठन के कामों को अंजाम देते हैं।

अनिल बलूनीः राज्यसभा सांसद और भाजपा की मीडिया सेल के प्रमुख अनिल बलूनी भी पीएम मोदी और अमित शाह के करीबी माने जाते हैं। पीएम मोदी के साथ तो वह उनके गुजरात सीएम रहने के दौरान से ही जुड़े हुए हैं। अनिल बलूनी फिलहाल पीएम मोदी और अमित शाह के मीडिया मामलों को देखते हैं। जब भी किसी मुद्दे पर पार्टी फंसती है तो अनिल बलूनी ही पार्टी प्रवक्ताओं और अन्य वरिष्ठ नेताओं की मदद से पार्टी को मुश्किल हालात से बाहर निकालते हैं। उत्तराखंड से ताल्लुक रखने वाले बलूनी के बारे में कहा जाता है कि वह फिलहाल राज्य के सीएम से भी ज्यादा पॉवर रखते हैं!

अनिल जैनः एक वक्त पेशे से डॉक्टर रहे अनिल जैन अमित शाह के करीबी माने जाते हैं। राज्यसभा सांसद अनिल जैन फिलहाल पार्टी में राष्ट्रीय महासचिव हैं और छत्तीसगढ़ और हरियाणा के इंचार्ज भी हैं। संसद में अमित शाह के आसपास जो लोग दिखाई देते हैं, उनमें भूपेन्द्र यादव और अनिल बलूनी के साथ अनिल जैन भी शामिल होते हैं।

अरुण सिंहः भाजपा के महासचिव अरुण सिंह भाजपा मुख्यालय के कामकाज की रीढ़ माने जाते हैं। पार्टी मुख्यालय में लॉजिस्टिक, अन्य प्रशासनिक कामों की जिम्मेदारी अरुण सिंह के कंधों पर ही है। विभिन्न राज्य ईकाई और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा के बीच समन्वय का काम अरुण सिंह ही देखते हैं।

हिमांशु देव और दीपक पटेलः साल 2014 के आम चुनावों में जो काम भाजपा के लिए प्रशांत किशोर ने किया था, वहीं काम अब पार्टी में हिमांशु देव और दीपक पटेल के जिम्मे है। चुनाव में उम्मीदवार चुननें, चुनावी सर्वे करने, जमीनी स्तर पर फीडबैक हासिल करने और जनता का मूड भांपने जैसे अहम काम हिमांशु देव के जिम्मे हैं। वहीं भाजपा के एसोसिएशन ऑफ ब्रिलियंट माइंड्स (ABM) और सिटीजन्स फॉर अकाउंटेबल गवर्नेंस (CAB) जैसे कार्यक्रमों की जिम्मेदारी दीपक पटेल के पास है। इनके अलावा NaMo App और मैं भी चौकीदार जैसे कैंपेन के पीछे भी दीपक पटेल का ही दिमाग माना जाता है।

अमित मालवीयः भाजपा की आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय सोशल मीडिया के जरिए पार्टी को लगातार मजबूत कर रहे हैं। इस काम में अमित मालवीय बड़ी संख्या में सोशल मीडिया वॉलंटियर्स और भुगतान पर काम करने वाले लोगों की भी मदद लेते हैं।

सुमित भसीनः श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्मृति न्यास के अन्तर्गत काम करने वाले और भाजपा समर्थित थिंक टैंक पब्लिक पॉलिसी रिसर्च सेंटर के निदेशक सुमित भसीन हैं। पार्टी के लिए रिसर्च वर्क जैसे सरकारी योजनाओं का फीडबैक लेना, चुनाव से संबंधी रिसर्च काम की जिम्मेदारी सुमित भसीन की ही है।

कैलाश विजयवर्गीयः कैलाश विजयवर्गीय पार्टी के उन नेताओं में शुमार किए जाते हैं, जो पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के करीबी हैं। अमित शाह साल 2015 में कैलाश विजयवर्गीय को मध्य प्रदेश की राजनीति से निकालकर दिल्ली लाए और उन्हें हरियाणा का प्रभारी बनाया। कैलाश विजयवर्गीय के नेतृत्व में हरियाणा में भाजपा ने अपनी मजबूत पैठ बना ली है। फिलहाल विजयवर्गीय के पास पश्चिम बंगाल का प्रभार है और हालिया लोकसभा चुनावों में इसका असर भी देखने को मिला, जहां भाजपा ने टीएमसी को कड़ी टक्कर दी। अब कैलाश विजयवर्गीय साल 2021 में पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनावों पर फोकस कर रहे हैं।

धर्मेंद्र प्रधान, पीयूष गोयल और गजेन्द्र सिंह शेखावतः संगठन के नेताओं के अलावा सरकार के कई बड़े मंत्री भी अमित शाह के करीबी माने जाते हैं। इनमें केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, केन्द्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल और केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत का नाम शामिल है।