प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच करोड़ महिलाओं को फ्री गैस कनेक्शन देने को लेकर उज्जवला योजना की शुरूआत की थी। इस टारगेट को पूरा करने की अंतिम तिथि 31 मार्च, 2019 रखी गई थी। लेकिन मोदी सरकार ने 8 महीने पहले की इस लक्ष्य को पूरा कर लिया। तीन अगस्त को संसद के गांधी मूर्ति के पास लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने उज्जवला योजना के तहत 5करोड़वां गैस कनेक्शन एक महिला को दी। इस मौके पर पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, सांसद अनुप्रिया पटेल सहित कई लोग मौजूद रहे। इस ऐतिहासिक मौके पर धमेंद्र प्रधान ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा गरीब महिलाओं के जीवन में सुधार के लिए शुरू किए गए उज्जवला योजना के लक्ष्य को समय से पहले प्राप्त करना एक मील का पत्थर है।
A historic milestone towards fulfilling Hon. PM Shri. @narendramodi’s vision of transforming the lives of poor women through #PMUY. Honoured to be along with Hon. Speaker Lok Sabha, Smt. @S_MahajanLS ji as she handed over the 5 Croreth @PMUjjwalaYojana connection. #Ujjwala5Crore pic.twitter.com/000zgpRY97
— Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) August 3, 2018
1 मई 2016 को उत्तर प्रदेश के बलिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्जवला योजना की शुरूआत की थी। इस मौके पर उन्होंने कहा था कि अब महिलाएं खाना बनाने के दोरान धुंए से परेशान नहीं होंगी। उनकी जिंदगी में एक बड़ा परिवर्तन होगा। इसेक तहत 2011 की जनगणना के अनुसार गरीबी रेखा के तहत जिंदगी गुजार रहे परिवारों को लाभ दिया जाना था। इसका लक्ष्य रखा गया था कि देश की महिलाओं की जिंदगी में सुधार के लिए तीन साल के भीतर पांच करोड़ मुफ्त गैस कनेक्शन दिया जाए। पीएम मोदी कई मौकों पर उज्ज्वला योजना की तारीफ कर चुके हैं। एक बार उन्होंने प्रेमचंद की कहानी ईदगाह का जिक्र करते हुए कहा था कि, “हामिद ने देखा कि खाना बनाने के समय उसकी दादी का हाथ जल जाता है, तो वह बाजार से चिमटा खरीद ले आता है। आज हमारे देश की महिलाओं को खाना बनाने के दौरान धुंए से परेशानी हो रही है। इसलिए हमनें उन्हें मुफ्त गैस कनेक्शन देने की योजना बनाई।” कई महिलओं ने भी पीएम मोदी से खास कार्यक्रम में बातचीत के दौरान कहा कि गैस कनेक्शन मिलने के बाद से उनके जिंदगी में काफी बदलाव आ गया है। अब बच्चों के लिए जल्दी से खाना बन जाता है। घर के सभी लोगों को ताजा खाना मिलता है। धुंए से भी छुटकारा मिल गया है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 24 करोड़ घरों में लगभग 10 करोड़ परिवार का खाना लकड़ी, कोयला व उपले के चूल्हे पर पकता है। इस योजना के तहत इस समस्या को दूर करना था। योजना शुरू करने के तीन साल के भीतर 5 करोड़ महिलाओं को गैस कनेक्शन देना था, जिसे आठ महीने पहले ही पूरा कर लिया गया। हालांकि, इस योजना का एक पहलू यह भी है कि यह पूरी तरह से मुफ्त नहीं थी। सरकार ने मार्च 2018 तक सिलिंडर पर सब्सिडी नहीं दी। उपभोक्ताओं को बाजार दर पर ही गैस सिलिंडर खरीदनी पड़ी। शायद यही वजह रही कि अधिकांश उज्जवला योजना के उपभोक्ता दूसरी बार सिलिंडर नहीं भरवाए। करीब 50 फीसद उपभोक्ता ही दो महीने पर सिलिंडर रिफिल करवाते हैं। वहीं, 30 फीसद उपभोक्ता तीन-चार महीने में एक बार रिफिल करवाते हैं। जब इस योजना का उद्देशय पूरा होता नहीं दिखा तब अप्रैल 2018 से उज्जवला योजना के लाभार्थियों को भी गैस सिलिंडर पर सब्सिडी देने का फैसला किया गया।