तमिलनाडु के कन्याकुमारी जिले में रहने वाले एक व्यक्ति को पीएम की मॉर्फ्ड तस्वीर शेयर करना भारी पड़ गया। जबिन चार्ल्स नाम के व्यक्ति ने करीब एक महीने पहले सोशल मीडिया पर पीएम मोदी की मॉर्फ्ड तस्वीर पोस्ट की थी। स्थानीय भाजपा पदाधिकारी ननजील राजा ने तस्वीर पोस्ट करने के बाद वडासरी पुलिस स्टेशन में केस दर्ज करा दिया।

इसके बाद चार्ल्स नाम का युवक अग्रिम जमानत के लिए मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै पीठ के पास पहुंचा। युवक ने अदालत में हलफनामा देकर कहा कि वह एक साल तक सोशल मीडिया का यूज नहीं करेगा। युवक ने जस्टिस जीआर स्वामिनाथन के सामने इस बात का हलफनामा दिया। इस पर जस्टिस ने कहा कि यदि चार्ल्स सोशल मीडिया का प्रयोग करता हुआ पाया जाता है तो पुलिस उसकी अग्रिम जमानत खारिज करने के लिए अदालत में याचिका दाखिल कर सकती है।

जज ने व्यक्ति को संबंधित अधिकारक्षेत्र में आने वाली अदालत में एक माफीनामा भी लिखकर देने का निर्देश दिया। इससे पहले अपने हलफनामे में चार्ल्स ने अपने कृत्य पर खेद व्यक्त किया। उसने कहा कि जैसे ही मुझे यह आभास हुआ कि किसी भी नागरिक को प्रधानमंत्री का अपमान करने का अधिकार नहीं है वैसे ही मैंने तुरंत उस तस्वीर को ब्लॉक कर दिया। उसने कहा कि वह उस मॉर्फ्ड तस्वीर के लिए स्थानीय समाचारपत्र में माफी प्रकाशित करने के लिए भी तैयार है।

हालांकि, उसने सुप्रीम कोर्ट के उस ऑब्जर्वेशन का भी उल्लेख किया जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया था कि फेसबुक जैसे सार्वजनिक मंच पर अपने विचार रखना अपराध नहीं है। इसके बावजदू चार्ल्स ने माफी की मांग की। इसी तरह से एक अन्य मामले में हाईकोर्ट की मदुरै पीठ ने महादेव नाम के व्यक्ति की भी अग्रिम जमानत दे दी। महादेव के खिलाफ मुस्लिम समुदाय के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने से जुड़ा मामला था।

अदालत ने महादेव को भी एक साल तक सोशल मीडिया से दूर रहने की शर्त पर अग्रिम जमानत दी। अदालत ने महादेव से माफी मांगने और इस सबंध में एक हलफनामा दाखिल करने को कहा।