पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम का स्मारक बनाने के फैसले के क्रम में केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों के एक दल ने उस स्थान का मुआयना किया, जहां उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया गया था।
सीपीडब्ल्यूडी के कार्यकारी इंजीनियर और कल इस स्थान का दौरा करने वाले दल के सदस्य गणेशन ने कहा कि यह स्मारक कलाम के जीवनकाल का एक जीवंत उदाहरण पेश करेगा। इस स्मारक में एक पुस्तकालय, संग्रहालय और ध्यान केंद्र होगा।

पेइकरूंबु की 1.84 एकड़ भूमि का प्रारंभिक सर्वेक्षण अब किया जा रहा है। कलाम के पार्थिव शरीर को इसी स्थान पर सुपुर्द-ए-खाक किया गया था। गणेशन ने कहा कि बड़ी संख्या में लोग इस स्थान पर आ रहे हैं और उनसे कहा गया है कि वे अभी यहां पौधे न लगाएं।

उन्होंने कहा, ‘स्मारक निर्माण का काम संपन्न होने के बाद पौधारोपण खूबसूरत तरीके से किया जाएगा।’ अधिकारी ने कहा कि स्मारक के निर्माण कार्य की शुरूआत से पहले इस क्षेत्र के चारों ओर बाड़ लगाई जाएगी और मिट्टी का भराव करके इसे सड़क के बराबर हमवार किया जाएगा।

इस स्थान पर कलाम के स्मारक का निर्माण करने की मांग पूर्व राष्ट्रपति के परिवार के साथ-साथ बहुत से अन्य लोगों की ओर से भी की गई है। तमिलनाडु सरकार पहले ही कलाम के नाम पर एक पुरस्कार शुरू करने की घोषणा कर चुकी है। इसके साथ ही राज्य सरकार ने उनके जन्मदिवस को ‘युवा नवचेतना दिवस’ के रूप में मनाने का भी फैसला किया है।

राज्य सरकार ने घोषणा की थी कि ‘डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम पुरस्कार’ वैज्ञानिक विकास, मानविकी और छात्रों के कल्याण को बढ़ावा देने की दिशा में काम करने वाले लोगों को हर साल स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिया जाएगा।

इस पुरस्कार में आठ ग्राम का स्वर्ण पदक, पांच लाख रूपए नकद और एक प्रशस्तिपत्र होगा, जो कि तमिलनाडु के ही किसी व्यक्ति को दिया जाएगा। कलाम का निधन बीती 27 जुलाई को शिलांग में हुआ था। उनके पार्थिव शरीर को तमिलनाडु के रामेश्वरम में पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ 30 जुलाई को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया था।